Kanpur में उद्यमी बोले- कारोबार के कानून हों सरल, जटिल नियमों की वजह से होती परेशानी
.jpg)
कानपुर, अमृत विचार। उद्यमियों ने बजट में वित्तमंत्री से उद्यम चलाने के लिए लागू नियम व कानूनों को सरल किए जाने उम्मीद जताई है। उद्यमियों ने कहा कि सरकार उद्यम को बढ़ावा दिए जाने का प्रयास कर रही है। इस स्थिति में उम्मीद हैं कि कई कानूनों व टैक्स को सरल किया जा सकता है। यह भी कहा कि यदि ऐसा होता है तो उद्यमियों को कई तरह के विशेषज्ञों की सेवाएं लेने से बचत हो सकेगी। इससे उद्यमियों का काफी धन भी बचेगा।
अमृत विचार के साथ उद्यमियों के संवाद में फीटा के महासचिव उमंग अग्रवाल ने वित्तमंत्री से टैक्स और कानूनों को सरल किए जाने की मांग उठाई। अनुज अग्रवाल, शुभम खंडेलवाल, सतेश गुप्ता, अनिल कुमार अग्रवाल, चैतन्य अग्रवाल व विनय मित्तल ने भी अपनी बात कही। बताया कि इस समय उद्यमी जीएसटी, आयकर, एक्सपोर्ट ड्यूटी, लेबर लॉ, ईएसआई, पीएफ जैसे कई तरह के प्रावधानों से घिरे हुए हैं। इसके लिए तमाम तरह के विशषज्ञों को जरूरत होती है।
बजट में इन नियमों को सरल कर दिया जाए तो उन लोगों को उद्यम चलाते हुए कई तरह से झंझटों से छुटकारा मिल सकेगा। इससे उद्यमियों को कारोबार में फोकस करने का समय मिलेगा। इसके अलावा उद्यमियों ने आयात शुल्क पर हर तीन महीने में रिव्यू करने की भी बात कही। कहा कि जीएसटी की तरह ही इसके लिए एक अलग विंग बनाए जाने की जरूरत है जिसकी बैठक हर तीन महीने में अनिवार्य करनी चाहिए। साल में कई बार वैश्विक बाजार के अनुसार शुल्क रिव्यू होने से छोटी पूंजी वाले उद्यमियों व निर्यातकों को लाभ हासिल हो सकेगा।
निर्यात विंग बनाई जाए
उद्यमियों ने निर्यात को बढ़ाने के लिए एक निर्यात विंग की भी मांग की है। उद्यमियों ने कहा कि यह विंग निर्यात प्रोत्साहन के दफ्तर से अलग हट कर काम करे। कॉरपोरेट सेक्टर की तर्ज पर यह विंग देश के हर जिले में वहां की परिस्थितियों के अनुसार कार्य करे। उद्यमियों ने कहा कि इससे निर्यात को बढ़ावा मिल सकेगा। इसके अलावा कई शहरों के उत्पादों को विदेश की मार्केट मिल सकेगी।
आयात-निर्यात शुल्क में संशोधन
औद्योगिक स्वरूप को बेहतर करने के लिए उद्यमियों ने आयात शुल्क में बढोतरी और निर्यात शुल्क में कमी की मांग की है। कहा कि इससे देश के उत्पादों को सीधा लाभ हासिल हो सकेगा। कहा कि आयात शुल्क में बढोतरी से विदेशी व बड़ी कंपनियों को देश में माल बेचना महंगा पड़ेगा। इससे देश के उद्यमी उनके साथ आसानी से व्यापारिक प्रतियोगिता कर सकेंगे। इसके अलावा उद्यमियों ने हर भुगतान पर एक फीसदी टैक्स की बाध्यता भी खत्म किए जाने की मांग की है। कहा कि इससे उद्यमियों की पूंजी फंसती है जिसका असर कारोबार पर सीधे तौर पर पड़ता है।