संभल : आगजनी का मुआवजा दो...1978 के दंगा पीड़ित इंसाफ मांगने पहुंचे न्यायिक आयोग के सामने

संभल : आगजनी का मुआवजा दो...1978 के दंगा पीड़ित इंसाफ मांगने पहुंचे न्यायिक आयोग के सामने

संभल, अमृत विचार। संभल में 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग पहुंचा तो 1978 के दंगा पीड़ित भी अपनी इंसाफ़ मांग को लेकर पहुंच गए। इन दंगा पीड़ितों ने कहा कि उनकी दुकान व प्रतिष्ठा दंगों में जला दिए गए थे और वह अपने घर छोड़कर पलायन को मजबूर हुए उन्हें आज तक इंसाफ नहीं मिला है। हमे इंसाफ चाहिए, आगजनी का मुआवजा दो।

आपको बता दें कि लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन पर न्यायिक आयोग के सदस्य 24 नवंबर की हिंसा को लेकर लोगों के बयान दर्ज कर रहे थे तभी अचानक हाथों में शक्तियां लेकर इंसाफ की मांग को लेकर 1978 व 1986 के दंगा पीड़ित लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन पर पहुंच गए। 

उप जिलाधिकारी मिश्रा ने बताया कि संभल में पूर्व में हुए दंगों के पीड़ितों ने उन घटनाओं की जांच के लिये न्यायिक आयोग के गठन की मांग करते हुए इस सिलसिले में एक ज्ञापन सौंपा है, जिसे आयोग को दे दिया जाएगा। वर्ष 1978 में संभल में हुए दंगे के पीड़ित मनोज कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि फसाद के दौरान उनके दादा किशन सिंह और दादी नरेनी को जिंदा जला दिया गया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में उन्हें आज तक न्याय नहीं मिला है तथा सरकार इन दंगों की न्यायिक जांच के लिये एक आयोग का गठन करके असलियत को सामने लाए। 

इसके अलावा 1978 के ही दंगों के पीड़ित विष्णु शंकर रस्तोगी ने कहा कि उस दंगे में उनकी दुकान जला दी गई थी जिससे उन्हें बहुत बड़ा नुकसान हुआ था, मगर उन्हें सिर्फ 200 रुपये का मुआवजा मिला था। उन्होंने मांग की कि उन्हें हुए नुकसान का पुनर्निर्धारण किया जाए और सरकार 1978 के दंगों की जांच दुबारा कराए। उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा ने बताया कि संभल में पिछली 24 नवम्बर को शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में चार लोग मारे गये थे तथा अनेक अन्य जख्मी हो गये थे। उनके मुताबिक, मामले की जांच के लिये सरकार ने उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश देवेंद्र अरोड़ा की अगुवाई में तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग गठित किया था। उन्होंने बताया कि इस मामले में आयोग की टीम इससे पहले गत 21 जनवरी को संभल आयी थी और बयान दर्ज किये थे। 

ये भी पढ़ें : मुरादाबाद : प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में उमड़ी यात्रियों की भीड़, सीट के लिए मारामारी