कानपुर से सुखोई-30 के ब्रेक पैराशूट का होगा निर्यात, ग्लाइडर्स इंडिया ने स्वदेशी तकनीक पर बनाए उन्नत पैराशूट
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कानपुर, अमृत विचार। दुनिया के कई देश अब भारत में स्वदेशी तकनीक से तैयार सुखोई-30 विमानों के ब्रेक पैराशूट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) की इकाई आयुध पैराशूट निर्माणी से मंगलवार को अधिकारियों ने ब्रेक पैराशूट की एक्सपोर्ट खेप को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
ग्लाइडर्स इंडिया को विदेश से सुखोई-30 विमानों के लिए ब्रेक पैराशूट के आर्डर मिले थे। मेक इन इंडिया के तहत इनका आयुध पैराशूट निर्माणी में उत्पादन किया गया। पहले ये पैराशूट ब्रिटेन और रूस से आयात करने पड़ते थे। लेकिन अब भारत बुल्गारिया, उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान के अलावा अन्य देशों को निर्यात कर रहा है।
ब्रेक पैराशूट फार सुखोई-30 के एक्सपोर्ट आर्डर के ट्रक को कैंट स्थित पैराशूट निर्माणी परिसर से ग्लाइडर्स इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एमसी बालासुब्रमणियम ने हरी झंडी दिखाई। इस दौरान निर्माणी के अस्थायी प्रभारी अधिकारी एस बनर्जी भी उपस्थित रहे।
ग्लाइडर्स के अध्यक्ष बालासुब्रमणियम ने कहा कि संगठन के कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों एवं दक्ष कर्मचारियों की उच्च कार्य संस्कृति और कुशल प्रदर्शन के बल पर संगठन निरंतर नई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रहा है। समारोह में संयुक्त महाप्रबंधक केएस चरक, रामज्ञान सिंह, केके टोप्पो, कार्य प्रबंधक रूपेश कुमार, कार्य प्रबंधक ओमेश सिन्हा, अमर दीप कुमार, प्रियम सिंह, सहायक कार्य प्रबंधक प्रवीन चंद्रा मौजूद रहे।