बरेली: रबड़ फैक्ट्री मामला-शुरू हुई भुगतान की प्रक्रिया, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 350 कर्मचारियों के मांगे दस्तावेज
1432 कर्मचारियों का अटका था बकाया, 540 की निर्धारित हो चुकी धनराशि
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बरेली, अमृत विचार। करीब 25 साल से बंद पड़ी रबड़ फैक्ट्री के कर्मचारियों के बकाया के भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की ओर से पैरवी कर रही एसएंडसी यूनियन को सभी कर्मचारियों के दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। यूनियन को ऐसे करीब साढ़े तीन सौ कर्मचारियों की सूची भी भेजी है जिनके दस्तावेज अपूर्ण हैं।
रबड़ फैक्ट्री 1999 में बंद हो गई थी और उसके 1432 कर्मचारियों का करोड़ों का भुगतान फंस गया था। मुंबई की अलकेमिस्ट कंपनी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में फैक्ट्री की करीब 14 सौ एकड़ जमीन पर मालिकाना हक का दावा ठोंका तो कर्मचारियों के बकाया भुगतान का मामला अटक गया। अब कई साल से अलकेमिस्ट कंपनी और राज्य सरकार के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में केस चल रहा है। इस बीच एसएंडसी यूनियन की ओर से लगातार कर्मचारियों के बकाया भुगतान की मांग की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश पर यूनियन की ओर से सभी कर्मचारियों की सूची भी भेजी गई थी जिसमें से 540 कर्मचारियों का कोर्ट बकाया भुगतान कोर्ट तय कर चुका है। इनकी सूची भी यूनियन को भेजी जा चुकी है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने अब साढ़े तीन सौ उन कर्मचारियों की सूची और यूनियन को भेजी है, जिन्होंने अपने दस्तावेज जमा नहीं किए हैं। कोर्ट ने यूनियन को इन सभी के दस्तावेज जल्द जमा कराने का निर्देश दिया है। एसएंडसी यूनियन के महामंत्री अशोक मिश्रा ने बताया कि सूची में जिन कर्मचारियों के नाम हैं, उन्हें सूचना दी जा रही है। दस्तावेज जमा होने के बाद भुगतान संबंधी पत्र भेजा जाएगा। श्रमिक नेता प्रमोद कुमार ने बताया कि सोमवार को रबड़ फैक्ट्री के राधा-कृष्ण मंदिर परिसर में आयोजित यूनियन की बैठक में भी हाईकोर्ट के निर्देशों की जानकारी दी गई।