Bareilly: मदसरों में पढ़ाया जाए संविधान, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की मांग
बरेली, अमृत विचार। बरेली में मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने स्कूल, कॉलेज और खासकर मदरसों में संविधान पढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे छात्र-छात्राओं को नागरिकों के अधिकारों के बारे में जानकारी मिलेगी। खासकर मदरसों में संविधान की जानकारी नहीं मिल पाती है, इसलिए संविधान पढ़ाना जरूरी है।
शुक्रवार को दरगाह आला हजरत स्थित ग्रैंड मुफ्ती हाउस में 'जश्ने जम्हूरियत' के संबंध में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने मदरसों में संविधान पढ़ाए जाने की मांग दोहराई। उन्होंने कहा कि स्कूल, कॉलेज और मदरसों में संविधान पढ़ाना अनिवार्य होना चाहिए। खासकर मदरसों के बच्चे संविधान की किताबें नहीं पढ़ पाते हैं। इससे बच्चे नागरिकों के अधिकारों को जान पाएंगे और यह भी समझ पाएंगे कि हमें आजादी कैसे मिली।
साथ ही मौलाना हाशीम रजा ने कहा कि भारत विकास और विश्व नेतृत्व के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षाओं और घरेलू असंगतियों के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। धार्मिक विवाद समुदायों के हितों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, जो चिंताजनक है।
इस दौरान इस्लामिक रिसर्च सेंटर के उप निदेशक आरिफ अंसारी ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं, समावेशिता, और विविध मान्यताओं के सम्मान पर जोर देकर सामाजिक घर्षण और विभाजन को कम किया जा सकता है।
गोष्ठी में मौलाना हसनैन रजा, कारी मुस्तकीम अहमद, रोमान अंसारी, हाफिज रजी अहमद, ज़ोहेब अंसारी, मौलाना अबसार हबीबी, सय्यद शाबान अली, अब्दुल हसीब खां, रशीद खां, सलीम खां आड़ती, आरीफ रजा और फैसल एडवोकेट सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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