बिना नोटिस गिरा दिए मकान, एलडीए पर फूटा लोगों का गुस्सा

बिना नोटिस गिरा दिए मकान, एलडीए पर फूटा लोगों का गुस्सा

लखनऊ, अमृत विचार: लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मोहिबुल्लापुर में अपनी अर्जित भूमि करीब 200 मकान, दुकान ध्वस्त कर दिए। कार्रवाई से नाराज परिवारों ने निजी जमीन बताकर गुरुवार को एलडीए पहुंचकर प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि बिना नोटिस और सूचना के उनके मकान गिरा दिए गए।
प्राधिकरण दिवस में सचिव विवेक श्रीवास्तव और अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने की सुनवाई की। अंकित, सोनी, जगदीश, ललंन, भोला, रामस्वरूप और अन्य लोगों ने बताया कि हम लोग मोहिबुल्लापुर में कई वर्ष से पक्के मकान बनाकर रह रहे थे। जिस व्यक्ति की भूमि है उसका खसरा-खतौनी में 40 वर्ष से नाम दर्ज है। जमीन एलडीए ने अपनी बताकर बिना नोटिस और सूचना के बुलडोजर चलाकर करीब 200 मकान-दुकान ध्वस्त कर दिए। इससे सैड़कों परिवार सड़क पर आ गए। जबकि 2014 में परिवारों का आवास के लिए सर्वे किया गया था। एलडीए के अधिकारियों ने बताया गया कि सीतापुर रोड योजना के तहत जमीन पूर्व में अर्जित की गई थी। जिस पर अवैध निर्माण होने पर कार्रवाई की गई। खाली कराई गई भूमि पर किसानों को चबूतरे आवंटित किए जाने हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर योजना : दस्तावेज जमा करने का मांगा मौका

अमृत विचार, लखनऊ : जनता अदालत में ट्रांसपोर्ट नगर योजना के 292 भूखंडों के गायब रिकार्ड का मामला आया। रिकार्ड प्राधिकरण से गायब हैं और भूखंडों पर काबिज लोगों के आवंटन फर्जी बताकर जांच कराई जानी है। आवंटियों को एक माह का समय देकर भूखंडों के रिकार्ड एलडीए ने 16 जनवरी तक मांगे थे। तय समय पर 150 आवंटी ही रिकार्ड उपलब्ध कराए पाए। शेष ने जनता अदालत में पहुंचकर तीन माह का समय मांगा। सभी ने आवंटन वैध बताकर अभिलेख उपलब्ध कराने की बात कही है। ट्रांसपोर्ट नगर व्यापार मंडल एवं वेयरहाउस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष टीपीएस अनेजा और प्रवक्ता राज नारायण सिंह ने अफसरों से अन्य भूखंड फ्रीहोल्ड करने काे कहा। इसके अलावा ट्रांसपोर्ट नगर में सड़क, जल निकासी, स्ट्रीट लाइट एवं सफाई व्यवस्था कराने की मांग की।

केस 1- दिव्यांग लगा रहा चक्कर नहीं मिली छूट

दोनों पैरों से दिव्यांग सतीश पत्नी व बच्चे के साथ प्राधिकरण दिवस में चक्कर लगाते दिखे। उन्होंने बताया कि बसंतकुंज योजना में शहरी आवास आवंटित हुआ। इसका सम्पूर्ण भुगतान कर दिया। उन्हें दिव्यांगता की 20 फीसदी छूट नहीं दी गई है। छूट के लिए दो वर्ष से भटक रहे हैं।

केस 2 - वर्ष 2006 से लटकी दुकान की रजिस्ट्री

बुजुर्ग राम सरोज ने बताया कि वर्ष 2006 में आजाद नगर में एलडीए की मार्केट में एक व्यक्ति से 40 हजार रुपये में दुकान खरीदी थी। एग्रीमेंट कराया था, लेकिन अभी तक रजिस्ट्री नहीं की गई। एक लाख से ज्यादा रुपये जमा कर चुके हैं। आरोप लगाया कि पूर्व में बाबू ने रजिस्ट्री कराने के लिए 60 हजार रुपये मांगे थे।

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