संभल : प्राचीन मंदिर पर पहुंची सनातन जन जागरण पदयात्रा, जानिए क्या बोले डॉ.विपिन जोशी?

देहरादून से जन जागरण यात्रा शुरू कर संभल पहुंचे योगाचार्य ने प्राचीन मंदिर में किया दर्शन पूजन

संभल : प्राचीन मंदिर पर पहुंची सनातन जन जागरण पदयात्रा, जानिए क्या बोले डॉ.विपिन जोशी?

संभल के प्राचीन खग्गू सराय मंदिर में आरती में हिस्सा लेते योगाचार्य डॉ.विपिन जोशी

संभल,अमृत विचार। स्वामी विवेकानंद जयंती के मौके पर देहरादून के रामकृष्ण आश्रम किशनपुर राजपुर रोड से 5100 किलोमीटर की स्वामी विवेकानंद सनातन जन जागरण यात्रा पदयात्रा शुरू करके संभल पहुंचे संयोजक योगाचार्य डॉ.विपिन जोशी ने संभल के मोहल्ला खग्गू सराय में 46 साल बाद मिले प्राचीन मंदिर में दर्शन पूजन करते हुए आरती में हिस्सा लिया।

डॉ.विपिन जोशी ने कहा कि यह भारत का सनातन का जागरण का कालखंड चल रहा है। इसमें सारी परिस्थितियां अनुकूल हैं। 46 साल बाद मंदिर का मिलना, मुझे ऐसा लगता है कि सनातन की पताका पूरे विश्व में फहराने के संकेत हैं। गंगा जुमनी तहजीब है, आपस का भाईचारा हम बनाकर रखें। जहां बड़े भाइयों के हक की बात है छोटे भाई त्याग करें और छोटे भाइयों को तो हमने इतने सालों से प्यार ही प्यार दिया है। मोहल्ला खग्गू सराय में स्थित प्राचीन मंदिर पर पहुंची स्वामी विवेकानंद सनातन जन जागरण यात्रा पदयात्रा में संयोजक योगाचार्य डॉ.विपिन जोशी के साथ रोशन राणा, जितेंद्र मलिक, नीरज चौधरी, वैभव जोशी रहे। यहां मंदिर में दर्शन पूजन करते हुए उन्होंने आरती में हिस्सा लिया। 

योगाचार्य डॉ.विपिन जोशी ने कहा कि जो 500 साल तक टाट में रहे वो अब ठाट के साथ भव्य, दिव्य और सुन्दर मंदिर में रह रहे हैं। यह निश्चित रूप से 2047 तक भारत को जो विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है, उस दिशा में बहुत बड़ा आध्यात्मिक कदम है। आज देहरादून से रामकृष्ण आश्रम से स्वामी विवेकानंद सनातन जन जागरण यात्रा पदयात्रा चली है। यहां से तीन दिन प्रयागराज महाकुंभ में रहेगा। फिर वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, मथुरा, वृंदावन के बाद दिल्ली होते हुए वापस देहरादून जाएंगे।

जहां मिल रहे प्रत्यक्ष प्रमाण अल्पसंख्यक उन स्थानों को सौंप दें
योगाचार्य डॉ.विपिन जोशी ने कहा कि कहीं पर भी किसी विवादित जगह पर मंदिर नहीं बनाया। विशेषकर किसी दूसरे धर्म या समुदाय के किसी स्थान को तोड़कर इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। जहां भी अवशेष मिल रहे हैं कुछ प्रमाण मिल रहे तो कहते हैं प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या। प्रमाण मिल रहे हैं तो अल्पसंख्यकों से निवेदन है उन स्थानों को सौंप दें। हम यही संदेश लेकर प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेंगे। मैं युवाओं से आग्रह करूंगा कि राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में आहुतियां दें। ह।

सब चीजें कानून और संविधान के हिसाब से होनी चाहिए
योगाचार्य डॉ.विपिन जोशी ने कहा कि 5100 किलोमीटर लंबी यात्रा है। प्रथम पड़ाव 1100 किलोमीटर का उत्तराखंड में हुआ। संभल में खग्गू सराय में स्थित मंदिर में भगवान शिव और हनुमान के दर्शन करके आगे बढ़ रहे हैं। हमारा गौरवशाली और वैभवशाली अतीत रहा है और बहुत स्वर्णिम वर्तमान चल रहा है। आगे बहुत अच्छा होने वाला है। धरोहर उजागर भी हो रही हैं। बहुसंख्यक लोगों से जुड़ी चीजों को लेकर अल्पसंख्यकों को चाहिए कि वह सब चीजें सौंपें।

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