लखनऊ: बिजली-बिल के हैं बकाएदार, तो चाय पिलाने को रहें तैयार

Amrit Vichar Network
Published By Amrit Vichar
On

लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार की समस्याओं से निपटने की रणनीति बिल्कुल अलग है। प्रदेश की कुछ बड़ी समस्याओं में से एक है यहां के उपभोक्ताओं का इलेक्ट्रिसिटी बिल नहीं जमा करना। अगर कहीं बिजली का कनेक्शन कट जाता है तो अलग बवाल मच जाता है। ऐसे में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा …

लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश सरकार की समस्याओं से निपटने की रणनीति बिल्कुल अलग है। प्रदेश की कुछ बड़ी समस्याओं में से एक है यहां के उपभोक्ताओं का इलेक्ट्रिसिटी बिल नहीं जमा करना। अगर कहीं बिजली का कनेक्शन कट जाता है तो अलग बवाल मच जाता है। ऐसे में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली विभाग के इंजीनियर्स को अलग ही फंडा समझाया है। अब ये इंजीनियर राजधानी लखनऊ के बकाएदारों के घर जाकर चाय भी पिएंगे और उनसे बिजली का बिल भी निकलवाएंगे।

बिजली विभाग के अभियंता अपने उपकेंद्रों से बकाए की सूची लेकर जाएंगे और बिल न देने वालों का दरवाजा खटखटाएंगे। प्रयास होगा कि उपभोक्ता बकाएदारों के यहां चाय पिएं और फिर बिल न जमा करने की वजह भी पूछें। इस बातचीत के दौरान उपभोक्ता से बिल की जितनी रकम निकलवाई जा सके, वो निकालने की कोशिश होगी।

सोमवार से कर दी गई शुरूआत

बिजली विभाग ने इस अभियान की शुरूआत सोमवार यानि आज से शुरू कर दी गई है। राजधानी के सभी खंडों में ये प्रयोग तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। अगर उपभोक्ता लाखों का बिजली बिल किस्तों में जमा करना चाहता है, तो उसे दो से तीन किस्तों में भी बिल देने की छूट होगी। इस अभियान के पीछे उद्देश्य है कि बिजली विभाग और उपभोक्ता के बीच बेहतर तालमेल विकसित किया जा सके।

बिजली का कनेक्शन काटना अंतिम विकल्प

बिजली विभाग ने कहा है कि बकाएदारों के कनेक्शन काटने का विकल्प सबसे अंतिम होगा। अनुमान के मुताबिक राजधानी लखनऊ में 27 हजार से ज्यादा ऐसे बिजली के बकाएदार हैं, जिन पर एक लाख या उससे ज्यादा का बिल बाकी है। कोशिश है कि 31 दिसंबर तक ये आंकड़ा जल्दी खत्म किया जा सके। मध्यांचल के उन्नीस जिलों में इस आंकड़े को कम करने के लिए लोगों को लगाया गया है। अगर राजस्व का डेटा लेते हैं तो करीब दो हजार करोड़ सिर्फ मध्यांचल पर बाकी है।

संबंधित समाचार