शाहजहांपुर : बजाज चीनी मिल की मोटर में फंसकर मजदूर की मौत, आक्रोषित परिजन दीवार कूदकर मिल में घुसे

छह घंटे होता रहा हंगामा, गुस्से में ग्रामीणों ने तोड़ डाले सीसीटीवी कैमरे

शाहजहांपुर : बजाज चीनी मिल की मोटर में फंसकर मजदूर की मौत, आक्रोषित परिजन दीवार कूदकर मिल में घुसे

मकसूदापुर/बंडा, अमृत विचार। मकसूदापुर स्थित बजाज चीनी मिल में मजदूरी करने गए युवक की मोटर में सफाई करने के दौरान फंसकर मौत हो गई। जिसके बाद मिल के अधिकारियों ने मिल गेट पर ताला डाल दिया और ग्रामीणों को अंदर नहीं आने दिया। इससे के बाद आक्रोषित परिजन व ग्रामीण दीवार कूदकर मिल के अंदर घुस गए और बॉयलर को बंद करवा दिया। लगभग छह घंटे तक जमकर हंगामा किया और दो सीसीटीवी कैमरे तोड़ डाले। बाद में बाद मिल प्रबंधन और मृतक पक्ष में समझौता हो गया।

बंडा के गांव नबाबपुर पुक्खी निवासी सुभाष मिश्रा का बड़ा पुत्र गोविंद मिश्रा मकसूदापुर स्थित बजाज चीनी मिल में बीते दो माह से मजदूरी पर काम करने जाता था। शुक्रवार सुबह 9:30 बजे रोजाना की तरह वह बॉयलर में रोड़ी मेल्टर बेल्ट पर लगे मोटर की सफाई करने के लिए ऊपर चढ़ा था। जहां सफाई करने के दौरान उसकी शर्ट का एक हिस्सा मोटर में फंस गया, जिससे उसकी कमर से ऊपर का पूरा शरीर मोटर में जा फंसा। जब मिल में काम कर रहे अन्य लोगों को इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने मिल अधिकारियों को मामले से अवगत कराया। मिल में ही चीनी गोदाम पर काम कर रहे गोविंद मिश्रा के चाचा जितेंद्र मिश्रा को इस मामले की जानकारी लगी तो वह उसे ढूंढते हुए बॉयलर के पास पहुंचे। उनका आरोप है कि भतीजे गोविंद के पास जाते समय उन्हें मिल के कर्मचारियों ने मिल के अंदर घुसने नहीं दिया। तब उन्होंने अपने भतीजे गोविंद के घर वालों को सूचना दी। जब गोविंद के घर वाले मिल पहुंचे तो मिल अधिकारियों ने मिल के अन्दर जाने वाले सभी गेट बंद करवा दिए। बाद में गुस्साए ग्रामीणों ने पहले तो मिल के मुख्य गेट पर पड़े ताले को ट्रैक्टर की पटिया से तोड़ दिया और बाद में कुछ ग्रामीण दीवार कूदकर अंदर जा घुसे। ग्रामीणों का आरोप था कि जब वह मौके पर पहुंचे तो गोविंद मिश्रा का पूरा शरीर मोटर में फंसा हुआ था और मौके पर कोई भी मिल का अधिकारी मौजूद नहीं था। उन्होंने जैसे-तैसे स्वयं ही मोटर के बोल्ट खोलकर गोविंद को बाहर निकाला, लेकिन तब तक गोविंद की मौत हो चुकी थी। 

ग्रामीणों का आरोप है कि मिल मालिकों ने बॉयलर के गेट पर मिल की एंबुलेंस खड़ी कर रखी थी, जिससे वह गोविंद की बॉडी को मिल से निकालकर बरेली पहुंचा सकें ताकि उन पर किसी भी प्रकार का कोई दोष न आए। इसी बीच मिल में पहुंचे गांव के लोगों ने अपने हाथों में मिल में ही पड़े लाठी-डंडे और लोहे की रॉड को उठा लिया और पूरे चीनी मिल में हंगामा काट दिया। जहां हंगामे के दौरान कई सीसीटीवी भी तोड़ दिए गए और मिल की सभी मशीनों को बंद करवा दिया गया। तब जाकर मिल प्रशासन के हाथ पांव फूले और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बॉडी को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी। गांव के लोग मिल के प्रोडक्शन हेड पवन गुप्ता, एचआर फरहान खान, सिक्योरिटी हेड ज्ञान प्रकाश शर्मा, एचओडी और ठेकदार शिवरतन पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे थे। पुलिस के पहुंचने के बाद गोविंद मिश्रा के परिवार वालों से मिल प्रबंधन ने बात की। कई घंटों की बातचीत के बाद दोनों पक्षों में मृतक गोविंद मिश्रा के पिता को 17 लाख रुपए, नौकरी और मृतक के छोटे भाई अखंड मिश्रा की बीमारी का इलाज कराने पर सहमति बन गई, जिसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पढ़ाई के साथ मिल में मजदूरी करता था गोविंद
सुभाष मिश्रा के दो पुत्र थे, जिनमें गोविंद मिश्रा सबसे बड़ा था और उससे छोटा पुत्र अखंड मिश्रा है। कई साल पहले अखंड के पैर में चोट लग जाने की वजह से सुभाष मिश्रा सही से काम नहीं कर पाते थे, जिसकी वजह से उनकी जिम्मेदारी का बोझ उनका बड़ा बेटा गोविंद उठाता था। छोटा बेटा अखंड बीमारी से जूझ रहा है। गोविंद मिश्रा पुवायां के एक डिग्री कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई भी कर रहा था और मिल में मजदूरी करके परिवार का पेट पाल रहा था। उसकी मौत से घर में कोहराम मचा हुआ है। मां नन्हीं देवी, भाई अखंड मिश्रा और पिता सुभाष मिश्रा का रो-रो कर बुरा हाल है। इस संबंध में थाना प्रभारी सोनी शुक्ला ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और दोनों पक्षों में समझौता हो गया है।

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