Bareilly: अब निजी हाथों में जाएंगे रेलवे के सारे लोकोशेड और वर्कशॉप

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Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। देश के सभी सात सौ रेलवे वर्कशॉप और तीन सौ लोको शेड के संचालन और रखरखाव का काम निजी हाथों को सौंपने के फैसले पर मुहर लग गई है। इन्हें प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिए रेलवे पीएसयू को सौंपने की नीति को अंतिम रूप दे दिया गया है। 

रेलवे वर्कशॉप और लोकोशेड काफी समय से कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे थे। इसके लिए नीति तैयार किए जाने के बाद रेलवे चोर्ड के सदस्य वित्त संदीप जैन ने 28 नवंबर को सभी महाप्रबंधकों को इस आशय का पत्र जारी किया है। इसमें रेलवे पीएसयू के पास परिसंपत्तियों के रखरखाव का उचित अनुभव होने की बात कहते हुए उसे प्रतिस्पर्धात्मक बोली के माध्यम से रेलवे शेड, डिपो और कार्यशाला का संचालन और रखरखाव का अधिकार देने का निर्णय लिए जाने की जानकारी दी गई है। पीएसयू को काम देने से पहले रेलवे बोर्ड ने एक समिति का गठन किया था जिसकी सिफारिशों को स्वीकार कर लिए जाने के बाद

रेल बोर्ड के वित्त निदेशालय की सहमति से इस संबंध में नीति भी तैयार कर ली गई है। इसमें देश के सभी लोकोशेड और वर्कशाप रेलवे पीएसयू को सौंपे जाने का उल्लेख है। बताया गया है कि इसके तहत एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर की ओर से तैयार मॉडल में रखरखाव की शर्तों का उल्लेख होगा। इसी आधार पर जोनल रेलवे विस्तृत निविदा तैयार करेंगे और रेलवे पीएसयू को प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया के जरिए सीमित निविदा के माध्यम से रखरखाव के लिए नियुक्त करेंगे।

मौजूदा हालत में पीएसयू को सौंपे जाएंगे
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी नीति के मुताबिक शेड, डिपो और वर्कशॉप को मौजूदा स्थिति में ही पीएसयू को सौंपा जाएगा और पीएसयू रखरखाव की जरूरतों के अनुसार बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाएगा। उनमें अतिरिक्त उपकरण लगाने होंगे तो वे भी पीएसयू ही लगाएगा। रोलिंग स्टॉक का भी पूरा रखरखाव करेगा, इसमें प्रमुख और सामान्य रखरखाव और अनियोजित मरम्मत भी शामिल होगी। अनुबंध की अवधि एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर तय करेंगे, अनुबंध खत्म होने पर पीएसयू को रोलिंग स्टॉक और शेड को कार्यशील स्थिति में रेलवे को सौंपना होगा। साल में एक बार रेलवे सुरक्षा ऑडिट करेगा। प्रदर्शन संतोषजनक न होने पर रेलवे अनुबंध खत्म कर सकता है।

ये हैं रेलवे के पीएसयू : रेल टेल, रेल विकास निगम, आईआरसीटीसी, आईआरएफसी, इरकान इंटरनेशनल, टीटागढ़ रेल, राइट्स, कॉनकर रेलवे, कानटेनर रेलवे समेत 12 सब्सिडियरी और पांच ज्वाइंट वेंचर हैं।

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