गंगासागर हत्याकांड : हत्यारोपियों के जेल जाने के बाद होमगार्ड का हुआ अंतिम संस्कार
पुलिस ने ग्राम प्रधान समेत छह लोगों को किया गिरफ्तार
अमृत विचार, बीकेटी : महिगवां के सोनवा गांव में सरकारी जमीन पर कब्जे को लेकर 15 दिन पहले विवाद हो गया था। जिसमें सेवानिवृत्त होमगार्ड गंगा सागर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। रविवार को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था। आक्रोशित घर वालों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मंगलवार को पुलिस की मौजूदगी के बीच परिजनों ने होमगार्ड का अंतिम संस्कार कर दिया है।
गौरतलब है कि 30 नवम्बर को महिगवां थाना अंतर्गत सोनवा गांव निवासी सेवानिवृत्त होमगार्ड गंगा सागर (60) और ग्राम प्रधान अशोक गिरि का 200 वर्गफीट जमीन के लिए झगड़ा हो गया था। इस दौरान ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों ने सेवानिवृत्त होमगार्ड के सिर पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया था। जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस विवाद में गंगा सागर के दोनों बेटे रंजीत और मोहित भी लहूलुहान हो गए थे। नाजुक हालत में बहू संध्या ने ससुर गंगासागर को केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। जहां रविवार को सेवानिवृत्त होमगार्ड की अस्पताल में मौत हो गई थी। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद होमगार्ड का शव सोनवा गांव में पहुंचा था। तब परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया था।
हालांकि, पुलिस के मान मनौव्वल पर परिजनों ने शव नीचे उतारा। फिर घर से पांच सौ मीटर दूर सड़क पर शव रखकर हंगामा शुरू कर दिया था। आक्रोशित घर वालों के भारी विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस टीम ने देर रात दबिश देकर प्रधान अशोक, संजय, मनीष, वरुण, गेंदालाल व अभय को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। बीकेटी सहायक पुलिस आयुक्त (ACP BKT) रिषभ रुणवाल ने बताया कि गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए इटौंजा, महिंगवा और बीकेटी की पुलिस तैनात कर दी गई। मंगलवार को पुलिस की मौजदूगी में परिजनों ने सेवानिवृत्त होमगार्ड गंगा सागर का अंतिम संस्कार कर दिया है।
रिश्तेदार के घर में छिपे थे हत्यारोपी
सेवानिवृत्त होमगार्ड गंगा सागर की मौत के बाद ग्राम प्रधान अपने परिवारिक सदस्यों के साथ घर से भाग निकला था। सूत्रों की मानें तो सभी हत्यारोपी बीकेटी में इंदौराबाग गांव में एक रिश्तेदार के घर में छिपे हुए थे। देर रात पुलिस ने सभी को दबिश देकर गिरफ्तार किया है। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया है। वहीं, परिजन थाने में तैनात दरोगा पर कार्रवाई किए जाने की भी मांग कर रहे हैं। परिजनों का कहना है कि हत्यारोपी ग्राम प्रधान दरोगा के सामने ही उनके पिता को पीटता रहा। अगर महिगवां पुलिस ने सख्त कार्रवाई की होती तो शायद आज पिता जिंदा होते।
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