Kanpur: मेट्रो की वजह से सीसामऊ नाला गंगा में गिर रहा, महापौर हुईं गुस्सा, बोली- अधिकारी बैठक में ऐसे आते मानो पूड़ी खाने आए हैं
कानपुर, अमृत विचार। महापौर प्रमिला पांडेय ने शुक्रवार को उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, नगर निगम, जल निगम और जलकल विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और अधिकारियों पर भड़कीं भी। कहा कि अधिकारी बैठक में ऐसे आते हैं, जैसे वह पूड़ी खाने आए हैं। मेट्रो के कार्यों से नाखुश महापौर ने अधिकारियों की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक करने की बात बोल दी।
उन्होंने मेट्रो कार्य के चलते बंद पड़ी सीवर लाइनों को लेकर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि मेट्रो कार्यों की फोटो दिखाकर क्या साबित करना चाहते हो। नाराज महापौर ने फाइल फाड़कर फेंकने का प्रयास किया, लेकिन वह रुक गईं। महापौर बोलीं कि सीसामऊ नाला मेट्रो के अधिकारियों की वजह से गंगा में गिर रहा है। जबकि यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है।
महाकुंभ से पहले यह नाला गंगा में अब भी गिर रहा है। अधिकारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। कहा कि अब इसे रोकने के लिए वह दिन-रात प्रयास करेंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो ने सिर्फ सीवर लाइन ही चोक नहीं की, बल्कि हरबंश मोहाल में मकान मालिकों से मिलीभगत कर दो मकान गिराए, उनमें रहने वाले किराएदारों को सामान तक निकालने नहीं दिया। मेट्रो ने कई जगहों पर टूटी सड़कें, सीवर लाइन आदि दुरुस्त नहीं कराया है। हटाई गई स्ट्रीट लाइट तक अभी नहीं लगाई गईं।
मामले में नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि सुधार जल्द किया जाए। वहीं यूपीएमआरसी के मुताबिक शहर में सीवर मैनेजमेंट, ट्रीटमेंट और जल प्रदूषण की निगरानी के लिए जो संस्थाएं जिम्मेदार हैं, उनकी निगरानी के बावजूद वर्ष 2018 से ही नाले का पानी गंगा में गिरने की खबरें लगातार समाचारपत्रों में प्रकाशित होती रहीं हैं। ऐसे में अचानक मेट्रो पर दोषारोपण करना उचित नहीं है। गंगा में गिरने वाला गंदा और रसायन युक्त पानी मेट्रो द्वारा पैदा नहीं किया जाता।
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