कानपुर में सड़क बनाने में पेड़ कटेंगे नहीं, नई तकनीक से हटेंगे: CM ग्रिड की सड़कों के निर्माण में होगा ट्री स्पेड मशीन का इस्तेमाल

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Published By Nitesh Mishra
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निर्माण एजेंसी ने नगर निगम से आधुनिक तकनीक इस्तेमाल करने को कहा

कानपुर, अमृत विचार। मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (सीएम ग्रिड योजना) के अंतर्गत सड़कों के निर्माण में हरे पेड़ काटे नहीं जायेंगे। निर्माण में बाधक पेड़ ट्री स्पेड मशीन से शिफ्ट कर दिए जायेंगे। हरित वातावरण बनाये रखने के लिये निर्माण एजेंसी यूरिडा ने नगर निगम से इस नई तकनीक का इस्तेमाल करने को कहा है। यूरिडा ने यह भी कहा है कि इस समस्या के निदान के लिए सड़क निर्माण की डिजाइन अगर बदली जा सकती है तो बदलकर दोबारा भेजी जाए।

सीएम-ग्रिड्स योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये चयनित जोन -3 की नौबस्ता बम्बा से कर्रही रोड तक की सड़क का चौड़ीकरण व सुंदरीकरण होना है। इसके डीपीआर और डिजाइन यूरिडा को भेजे गये हैं। यूरिडा ने परीक्षण में पाया कि सड़क निर्माण में कई हरे पेड़ काटने पड़ सकते हैं, जो कि पर्यावरण संरक्षण एवं परियोजना में निहित प्रावधानों के प्रतिकूल है। 

इस पर यूरिडा के डिप्टी सीईओ अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने नगर निगम को पत्र लिखकर कहा है कि सीएम-ग्रिड्स योजना के तहत सतत गतिशीलता को बढ़ावा देने के साथ पर्यावरण के अनुकूल सड़कें बनाई जानी हैं। सड़क निर्माण में अपरिहार्य स्थिति में ही पेड़ों को काटा जाए। 

इसके लिए सड़क पुनर्निर्माण में वैकल्पिक निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाये। परियोजना में वृक्ष प्रत्यारोपण विधि को शामिल करके निर्माण कार्य की डिजाइन में परिवर्तन करके संशोधित डीपीआर व डिजाइन उपलब्ध कराई जाए।

इन मार्गों के निर्माण में भी पेड़ बाधक

सीएम ग्रिड योजना के प्रथम व द्वितीय चरण में  10 सड़कें बननी हैं। दीप सिनेमा से सोटे बाबा मंदिर चौराहा होते हुए एच ब्लॉक चौराहे तक सड़क के फुटपाथ पर कई पेड़ हैं। इसी तरह गुलमोहर विहार से किदवई नगर थाना होते हुए बुद्ध विहार तिराहे तक और गुरुदेव चौराहा से चिड़ियाघर चौराहे, कल्याणपुर बगिया क्रासिंग से मसवानपुर तक भी कई जगह पेड़ बाधक हैं। अब इन सभी सड़कों के निर्माण कार्य में पेड़ नहीं कटेंगे।

यह काम किए जाने हैं

सड़क चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण, डिवाइडर, नाली, स्टॉर्म वाटर ड्रेन, हॉर्टीकल्चर, स्ट्रीट लाइट के साथ ओवर हेड यूटिलिटी को भूमिगत करना। पेयजल, सीवर, केबिल लाइन सड़क के बीच से हटकर फुटपाथ पर लाई जायेगी।

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