'आलोचना को नजरअंदाज करें डी गुकेश', विश्वनाथन आनंद बोले-मुझे बहुत खुशी है, मैं सचमुच इतिहास बनते देख रहा था 

'आलोचना को नजरअंदाज करें डी गुकेश', विश्वनाथन आनंद बोले-मुझे बहुत खुशी है, मैं सचमुच इतिहास बनते देख रहा था 

नई दिल्ली। महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने शुक्रवार को डी गुकेश से कहा कि वह चीन के डिंग लिरेन के साथ विश्व चैंपियनशिप खिताबी मुकाबले के स्तर पर सवाल उठाने वालों को नजरअंदाज करें क्योंकि आलोचना हमेशा सफलता के साथ ही आती है।

भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश ने बृहस्पतिवार को इतिहास रच दिया, वह सिंगापुर में विश्व चैंपियनशिप की 14वीं और अंतिम बाजी में लिरेन को हराकर विश्व खिताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। पूर्व विश्व चैंपियन व्लादिमीर क्रैमनिक मैच के दौरान शतरंज के स्तर से प्रभावित नहीं थे। उन्होंने इसे ‘शतरंज का अंत’ होने जैसा करार किया। क्रैमनिक ने खेल के स्तर पर निराशा व्यक्त की और लिरेन की गलती को ‘बचकाना’ करार दिया। 

पांच बार के विश्व चैंपियन नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने भी शुरूआती दौर में शतरंज के स्तर की आलोचना की है। लेकिन पांच बार के विश्व चैंपियन और गुकेश के ‘मेंटोर’ आनंद ने कहा कि उन्होंने ‘गुकेश द्वारा इतिहास बनते देखा’। आनंद ने कहा, मुझे बहुत खुशी है। मैं कल सचमुच इतिहास बनते देख रहा था।’’ उन्होंने कहा, यह (आलोचना) हर मैच के साथ आती है। ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि यह बस क्षेत्र के साथ आती है। आप इसे अनदेखा कर दीजिये, बस सब ठीक। आप गुकेश की उपलब्धि, उसकी योग्यता और सब कुछ जानते हैं। अगर आप ओलंपियाड देखें तो उसने दिखाया कि वह वास्तव में बहुत मजबूत खिलाड़ी बन गया है।  

आनंद ने कहा, उसने इस साल कैंडिडेट्स जीता, टोरंटो में काफी अच्छे परिणाम मिले और वह यहां खेलने पहुंचा। इसलिए यह सब (आलोचना) इसके साथ आती है। आप आलोचनाओं के बिना विश्व चैंपियन बनने की उम्मीद नहीं कर सकते।  चैंपियनशिप मैच ड्रॉ होने की ओर बढ़ता दिख रहा था। लिरेन दबाव में लड़खड़ा गए और एक बड़ी गलती कर बैठे। आनंद ने कहा, हममें से अधिकांश ने इस समय तक मैच को ड्रॉ मान लिया था। अगर डिंग अपना ‘बिशप’ वापस ले आते तो गुकेश को प्रगति करने में लंबा समय लगता। लेकिन फिर अचानक, खेल का रूख बदल गया और वह जीत गए। यह शानदार था। 

 आनंद ने युवा चैंपियन के दृष्टिकोण की मनोवैज्ञानिक गहराई की प्रशंसा करते हुए कहा, गुकेश आक्रामक या इस तरह नहीं खेल रहा था। उसके पास एक अतिरिक्त ‘पॉन’ (प्यादा) था और वह रास्ता खोज रहा था।  वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी में पिछले चार साल में गुकेश के बदलाव को देखते हुए दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि यह उनके लिए बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा, मुझे विश्व चैम्पियनशिप मैच तक के चक्र से लेकर उनके शानदार सफर को देखने का मौका मिला है। यह भारतीय खिलाड़ियों की एक स्वर्णिम पीढ़ी है जो खुद को शीर्ष पर स्थापित कर रहे हैं।  आनंद ने कहा, गुकेश का इतिहास में सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनना सचमुच विशेष है। यह निश्चित रूप से एक बहुत ही प्रतिभाशाली स्वर्णिम पीढ़ी है। 

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