प्रयागराज : संभल हिंसा में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका हेतु उचित पीठ नामित करने का निर्देश
अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत माह संभल में हुई हिंसा के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका को उचित क्षेत्राधिकार वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए कहा कि अपराधिक रिट की प्रकृति वाली जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने का अधिकार इस पीठ के पास नहीं है। चूंकि वर्तमान मामला अपराधिक मुद्दे से संबंधित है, इसलिए यह इस पीठ के क्षेत्राधिकार से बाहर है।
अतः याचिका को उपयुक्त क्षेत्राधिकार वाली उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए। उक्त आदेश मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली और विकास बुधवार की खंडपीठ ने हजरत ख्वाजा गरीब नवाज वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा अधिवक्ता साहेर नकवी और मोहम्मद आरिफ के माध्यम से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। उपरोक्त याचिका में आरोप लगाया गया है कि संभल हिंसा में पुलिस की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। अतः हाईकोर्ट से इस संबंध में निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।
मामले में जिला मजिस्ट्रेट, संभल, पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी, कमांडेंट पीएसी और एसएचओ को पक्षकार बनाया गया है। बता दें कि स्थानीय अदालत के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर के नेतृत्व में एक टीम द्वारा मुगलकालीन जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के बाद संभल जिले में हिंसा भड़क उठी थी। उक्त आदेश सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह द्वारा महंत ऋषिराज गिरी सहित आठ वादियों द्वारा दाखिल मुकदमे पर एकतरफा रूप से पारित किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि विवादित मस्जिद 1526 में वहां मौजूद मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई थी।
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