पूर्व राष्ट्रपति बोले- देखकर दुख होता है कि लाल इमली का सिर्फ घंटा ही चल रहा...आज जो भी हूं, वो कानपुर व मां गंगा के आशीर्वाद से हूं
कानपुर, अमृत विचार। कानपुर की बात हो और उद्योग की बात न हो, ऐसा प्रासंगिक नहीं लगता है। एक समय कानपुर पूरे उत्तर भारत में कॉमंस और इंड्रस्ट्री का मुख्य केंद्र था। यहां के बने ऊनी व सूती वस्त्रों की मांग देश व विदेशों में थी। दुनियाभर में यहां का बना कपड़ा ओढ़ा, पहना और बिछाया जाता था। ब्रिटेन की महारानी तक को एल्गिन मिल में बनी तौलिया विशेष प्रिय थी। अपनी टेस्टाइल इंड्रस्ट्री के लिए कानपुर को मेंनचेस्टर ऑफ द ईस्ट भी कहा जाता है। लेकिन यह देखकर थोड़ा सा कभी-कभी दुख भी होता है कि आज कानपुर की शानदार लाल इमली मिल में सिर्फ घंटाघर ही काम कर रहा है। पूरी मिल सुनसान पड़ी है। लेकिन अब कानपुर को पुन: ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग मैपिंग में लाने का समय आ गया है। यह बात सर पदमपत सिंघानिया एजुकेशन सेंटर में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बोलीं।
कमला नगर स्थित सर पदमपत सिंहानिया एजूकेशन सेंटर में बुधवार को जेके संगठन के 140 वर्ष और जेके कॉटन के शताब्दी वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रहे। उन्होंने यहां पर लगी प्रदर्शनी को देखा। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जमीन से जुड़े होने के नाते स्कूल की छात्रा आध्या और रुद्राश व आयुष प्रताप सिंह के मॉडल उन्हें काफी आकर्षित लगे। बताया कि कक्षा चार की छात्रा आध्या ने पॉटरी मेकिंग मॉडल प्रस्तुत किया, जिसकी हम लोग कभी कल्पना ही नहीं कर पाते थे। रुद्राश व आयुष ने आकाश की ऊंचाइयों में एआई के माध्यम से ड्रोन विकसित किया गया।
इस प्रकार के बच्चे ही देश का भविष्य है। कहा कि जेके आर्गेनाइजेशन की कई पीढियों ने व्यवसाय के साथ शिक्षा में भी बेहतर काम किया है। विद्यालय के माध्यम से शिक्षा को नया रूप दिया है। शिक्षा से ही विकास संभव है। कहा कि एक बच्चे के जीवन में शिक्षक की भूमिका काफी अहम होती है। एक शिक्षक का कर्तव्य केवल पढ़ाई तक ही सीमित नहीं होता है, बच्चों को एक अच्छा इंसान बनना भी उनकी जिम्मेदारी होती है। बच्चों के अंदर संस्कार का बीज बोने की भी जिम्मेदारी शिक्षक की होती है। क्योंकि एक अच्छा इंसान ही समाज की रीढ़ होता है। शिक्षा के प्रति शिक्षक का समर्पण भाव और गुणवत्ता काफी जरूरी है। कहा कि शायद अब कानपुर को पुन: ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग मैप पर लाने का समय आ गया है।
पिछले कुछ समय से टेस्टाइल इंडस्ट्री में ग्लोबल लेवल पर कुछ बदलाव आ रहे हैं, जिनके कारण भारत की टेस्टाइल इंड्रस्ट्री के पास स्पैंड होने का अच्छा अवसर है। टेस्टाइल इंड्रस्ट्री एक लेबर इंटेंनसिव इंड्रस्ट्री है और उत्तर प्रदेश देश का सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है। केंद्र सरकार टेस्टाइल इंड्रस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए प्रोडेक्शन लिंट इंसेंटिव स्कीम भी चला रही है। टेक्नोलॉजी ने आज ह्यूमन रिसोर्स के ट्रेनिंग के कार्य का काफी सुलभ कर दिया है। प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज स्थिर सरकार है, ऐसे में यह कानपुर को ग्लोबल मैनुफैक्चरिंग के हब के रूप में पुर्न स्थापित करने का अच्छा मौका है। विश्वास है कि केवल शिक्षा में ही नहीं बल्कि मेडिकल सुविधाओं प्रगति के माध्यम से यह नगर जल्दी ही अपना खोया हुआ गौरव प्राप्त करेगा। पूर्व राष्ट्रपति के संबोधन के बाद छात्र-छात्राओं ने संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
मैं आज जो भी हूं, वो कानपुर व मां गंगा के आशीर्वाद से
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सही मायने में आज मैं जो भी हूं, वह सब कानपुर की वजह से हूं। इसका सारा श्रेय कानपुर को जाता है। यहां से लॉ की पढ़ाई करने के बाद हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। कानपुर देहात के एक गांव से उठकर राष्ट्र भवन तक पहुंचा। ये सब स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और मां गंगा के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है।
नई शिक्षा नीति है बेहतर
उन्होंने कहा कि पहले शिक्षा से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लोगों को दूर रखा जाता था। अंग्रेजों के समय से चल रही यह शिक्षा ऐसी थी कि वह लोगों को एक नौकर बना कर ही रखती थी, लेकिन नई शिक्षा नीति में नए इनोवेशन को बढ़ावा दिया गया है, जब नई शिक्षा नीति बनी थी तो उसमें हम लोगों ने अलग-अलग देश से करीब दो लाख सुझाव मांगे थे। इसके बाद उस पर विचार करके नई एजुकेशन पॉलिसी को लाया गया है। क्योंकि शिक्षा ही सबसे बड़ा गिफ्ट है, जो लोग दूसरों को दिया जा सकता हैं। उन्होंने शिक्षकों से अपील की है कि बच्चों को संस्कृत और आध्यात्मिक की तरफ भी ज्ञान केंद्रीत करे। उनके अंदर इसका भी बीच बोए ताकि जड़े मजबूत रहें। इससे ही समाज का विकास संभव है।
बच्चो को किया सम्मानित
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एआईएसएससीई-2024 के साइंस, कॉमर्स व ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम टॉपर्स प्रार्थना सिंह, असीस सिंह सहगल, मणिका जैन व अर्णव गुप्ता को 50 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की। साथ ही इन तीनों स्ट्रीम्स के शीर्ष चार विद्यार्थियों व एआईएसएसई-2024 के सिटी टॉपर संपन्न निगम को गोविंद हरि सिंहानिया स्कॉलरशिप अवार्ड के अंतर्गत साढ़े पांच लाख रुपये छात्रवृत्ति प्रदान की। नीट 2024 में चयनित नयनी जायसवाल व श्रेया चौधरी, क्लैट 2023-24 में चयनित शांभवी माथुर, सीए फाइनल 2024 में सफलता प्राप्त करने के लिए पार्थ त्रिपाठी को पुरस्कृत किया गया।
इन शिक्षकों का भी हुआ सम्मान
विद्यालय में 10 वर्षों का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए महक सियाल, ममता कपूर, रश्मि गिडवानी व नेहा मिश्रा को सम्मानित किया गया। अभिराम तिवारी (कक्षा 6), अनुष्का शर्मा (कक्षा 8) व अविका सिंह (कक्षा 12) को स्वरचित पुस्तक के लिए मनोरमा गोविंद हरि सिंहानिया फेलोशिप फॉर एस्पायरिंग ऑथर अवार्ड 2023-24 से अलंकृत किया गया। साथ ही वर्ष के सर्वाधिक बहुप्रतीक्षित बेस्ट टीचर अवार्ड से कीर्ति शर्मा को सम्मानित किया गया।