बाराबंकी : 60 लाख की स्मैक के साथ छह तस्कर गिरफ्तार, बोरे में मिले 23 लाख रुपये

बाराबंकी : 60 लाख की स्मैक के साथ छह तस्कर गिरफ्तार, बोरे में मिले 23 लाख रुपये

बाराबंकी, अमृत विचार: वाट्सएप पर मिली जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच की स्वाट, सर्विलांस व रामसनेहीघाट पुलिस की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन करते हुए कोटवासड़क कस्बे में मंगलवार देर रात तक कार्रवाई की। जिसमें पुलिस ने छह तस्करों को दबोचते हुए उनके पास से 600 ग्राम स्मैक व बेचने के बाद बोरे में भरकर रखे गए 23 लाख 72 हजार रुपये बरामद किए। पूछताछ में कई जगहों पर मार्फीन व स्मैक की बिक्री होने की जानकारी भी पुलिस को मिली है।

पत्रकार वार्ता में पुलिस अधाक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि वाट्सएप पर आई सूचना पर मंगलवार देर शाम को क्राइम ब्रांच की स्वाट, सर्विलांस व थाना रामसनेहीघाट की ज्वाइंट टीम ने शुभम पाठक नाम के एक शख्स के मकान पर छापा मारा। पुलिस टीम ने यहां से 600 ग्राम स्मैक, पांच मोबाइल फोन और एक बोरे में भरकर रखे गए 23 लाख 72 हजार रुपये नकद बरामद किये। बरामद स्मैक की अंतर्राष्ट्रीय कीमत करीब 60 लाख रुपये आंकी जा रही है। पुलिस ने शुभम के साथ कोटवा सड़क के ही आशीष, धर्मराज और दुर्गेश रावत के अलावा बस्ती जिले के हरैया कस्बा निवासी विनोद व जीत बहादुर को भी गिरफ्तार किया। पकड़े गये सभी तस्करों के खिलाफ रामसनेहीघाट थाने पर एनडीपीएस एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करके सभी को जेल भेज दिया गया है।

एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि इस कार्रवाई में वांछित सत्यम से शुभम स्मैक खरीदता था। सत्यम के बड़ा भाई और पिता को स्मैक की तस्करी के मामले में 10 साल की सजा हो चुकी है। दोनों जेल में हैं। पूर्व में तस्करों के खिलाफ हुई कार्रवाइयों के बाद एक वाट्सएप नंबर सर्कुलेट किया गया। उसी वाट्सएप नंबर पर ही जनसहयोग से शुभम और बाकी तस्करों की जानकारी मिली। जिसके बाद पुलिस टीम ने रेड मारी। रेड के दौरान यह भारी रिकवरी हुई। पुलिस टीम इस गिरोह के बाकी सदस्यों व गिरफ्तार तस्करों के अन्य आपराधिक इतिहास व अवैध तरीके से अर्जित की गई सम्पत्ति की भी जानकारी कर रही है। इस काम में कुछ ढाबों के संलिप्त होने की भी जानकारी मिली है। जिनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।

पिता के साथ शुभम बना तस्कर
पूछताछ में शुभम पाठक ने बताया कि उसने अपने पिता स्व. सत्यप्रकाश पाठक के साथ मादक पदार्थ तस्करी का काम करना शुरु किया था। उसके पिता थाना रामसनेहीघाट के हिस्ट्रीशीटर थे, जिनकी मृत्यु हो गई है। पिता की मृत्यु के बाद से उसकी मां व पत्नी इस घर में नहीं आती थीं। वह अकेला ही रहता था। साथ ही स्मैक की काली कमाई से वह ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करता था। उसने लखनऊ के तकरोही में भी एक मकान बनाया है। जिसे किराये पर दे रखा है। इसके अलावा कई दुकानें भी बनवाई हैं। शुभम के पास कई ट्रकों के साथ कई और भी गाड़ियां हैं।

स्मैक बेचकर तस्करों को चुकाता था पैसे
शुभम पाठक के मुताबिक वह अयोध्या, अंबेडकर नगर व जिले के थाना रामसनेहीघाट से मादक पदार्थ की तस्करी में कई बार जेल जा चुका है। शुभम ने बताया कि वह अपने बाकी साथियों के साथ जिले के आस-पास के जनपदों में स्मैक की तस्करी करता है। इसके अलावा आसपास के नशा करने वाले लोगों को घर से ही मादक पदार्थ का की फुटकर बिक्री करता है। शुभम ने बताया कि वह तस्करों से स्मैक उधार खरीदकर बेचने के बाद रुपयें पैसे देता था। बेची गई स्मैक के रुपयों को उसने तस्करों को देने के लिए बोरे में भरकर रखा था। 

पुलिस की मिलीभगत आई सामने
एसपी ने बताया कि इस मामले में पुलिस की मिलीभगत की संभावना भी जाहिर हो रही है। जिसको देखते हुए सीओ रामसनेहीघाट जटाशंकर मिश्र से रिपोर्ट तलब की गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद थाना और स्थानीय चौकी हथौंदा पर तैनात पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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