कानपुर में कोहरे व धुंध में ट्रेनों का टकराव रोकेगा कवच: लोकोशेड को 87 ट्रेनों की मिली है जिम्मेदारी, इसी माह पूरा होगा काम
फजलगंज इलेक्ट्रिक लोकोशेड में 70 ट्रेनों में लगाया गया कवच सिस्टम
कानपुर, अमृत विचार। कोहरे और धुंध में आमने-सामने से आ रहीं ट्रेनों या आगे-पीछे चल रहीं ट्रेनों के बीच भिड़ंत का खतरा अब बचेगा। इलेक्ट्रिक लोकोशेड में कानपुर से कई शहरों के बीच चलने वाले रेलवे इंजन को कवच से सुरक्षित किया जा रहा है। पहले चरण में 70 ट्रेनों में यह सिस्टम लगाया जा चुका है। यह काम इसी माह में पूरा किया जाना है। जिससे आगे जब कोहरे और धुंध का प्रकोप बढ़े तो कवच की मदद मिल सके।
रेलवे की ओर से कानपुर व गाजियाबाद के लोकोशेड को इंजनों में कवच लगाने के टेंडर हुए हैं। फजलगंज स्थित इलेक्ट्रिक लोकोशेड को 87 ट्रेनों की जिम्मेदारी मिली है, जिसमें 70 ट्रेनों में कवच सिस्टम लगाया जा चुका है। सीनियर डिविजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ( सीनियर डीईई) राहुल त्रिपाठी ने बताया कि एक लोको में कवच लगाने में दो दिन का समय लगता है।
4-4 विशेषज्ञों की टीम लगातार काम कर रही है। जल्द ही सभी लोको में कवच लग जाएंगे। यह सिस्टम वायरलेस सिस्टम पर कार्य करता है। अब केवल 17 लोको में यह सुविधा लगाने से बची है, यह काम इसी माह पूरा कर लिया जाएगा। कवच की वजह से कोहरे व धुंध के समय आमने-सामने या फिर आगे-पीछे चल रहीं ट्रेनों के बीच भिड़ंत का खतरा नहीं रहेगा। ट्रेन में सिस्टम के साथ लगाए गए ब्रेकिंग व अलार्म इसको पहले ही रोक देंगे।
निर्धारित दूरी पर काम करेगा कवच
सीनियर डीईई के मुताबिक एक ही ट्रैक पर दो ट्रेनों के आमने-सामने आने पर निर्धारित दूरी होने पर यह कवच सिस्टम काम करने लगेगा। सिस्टम के साथ लगे ब्रेक ट्रेन की रफ्तार पर अंकुश लगा देंगे और ट्रेन किसी दुर्घटना से पहले ही रुक जाएंगी। यह ट्रेन में अलार्म के माध्यम से एक तरह का अलर्ट भी जारी करेगा। जिससे चालक स्थिति को भांपकर इमरजेंसी ब्रेक लगा सकेंगे। अगर एक के पीछे दूसरी ट्रेन चल रही है तो कवच निर्धारित दूरी पर ट्रेन को रोका देगा।