Exclusive: कानपुर के किदवई नगर में गहराया जल संकट, सूटरगंज में सुधरे हाल, शहर के बाहरी क्षेत्रों में बढ़ा पानी का दोहन

भूगर्भ जल विभाग ने जारी की प्री और पोस्ट मानसून की रिपोर्ट

Exclusive: कानपुर के किदवई नगर में गहराया जल संकट, सूटरगंज में सुधरे हाल, शहर के बाहरी क्षेत्रों में बढ़ा पानी का दोहन

कानपुर, अभिषेक वर्मा। किदवई नगर और आसपास के क्षेत्रों में भूमिगत जलस्तर लगातार घट रहा है। भू गर्भ जल विभाग की ओर से जारी प्री और पोस्ट मानसून की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। किदवई नगर में 2023 की अपेक्षा धरती की कोख में 1.25 मीटर पानी नीचे खिसक गया है। मानसूनी वर्षा से रिचार्ज की अपेक्षा यहां भूमिगत जल दोहन बढ़ा है। इसी कारण जल स्तर घट रहा है।

रेल बाजार, रावतपुर, उद्योग नगर और आईटीआई के आसपास क्षेत्रों में भी भूमिगत जलदोहन से जलस्तर लगातार घट रहा है। इन इलाकों में न्यूनतम 26 से अधिकतम 31.77 मीटर नीचे पानी पहुंच गया है। हालांकि, सूटरगंज में भूमिगत जलस्तर में सुधार हुआ है। यहां 2023 में पोस्ट मानसून के बाद 9.59 मीटर पर पानी रिकॉर्ड किया गया था, जबकि इस बार सुधार होकर जलस्तर 8.59 मीटर पर पहुंच गया है।

सबसे ज्यादा गहराई पर पानी

1. केडीवी इंटर कॉलेज किदवई नगर
23
पीआरएम 31.27
पीटीएम 31.77
24
पीआरएम 32.36
पीटीएम 33.02

2. कृषि भवन जीटी रोड रावतपुर
23
पीआरएम 30.05
पीटीएम 29.50
24
पीआरएम 29.70
पीटीएम 29.80


3.यूपीएसआईडीसी उद्योग नगर कालपी रोड

23
पीआरएम 30.10
पीटीएम 29.50
24
पीआरएम 31.20
पीटीएम 30.60

4.आईएन स्कूल रेल बाजार

23
पीआरएम 27.80
पीटीएम 27.55
24
पीआरएम 29.45
पीटीएम 28.80

5.आईटीआई1

23
पीआरएम 27.71
पीटीएम 27.17
24
पीआरएम 27.03
पीटीएम 26.56

सबसे कम गहराई पर पानी

1. पीआर स्कूल आरके नगर गंभीरपुर
23
पीआरएम 6.60
पीटीएम 7.10
24
पीआरएम 8.95
पीटीएम 8.20

2. बीडीडी सेवा आश्रम पाली रोड
23
पीआरएम4.15
पीटीएम 4.05
24
पीआरएम 4.35
पीटीएम 3.40

3. प्राईमरी विद्यालय कुलगांव
23
पीआरएम 5.95
पीटीएम 5.75
24
पीआरएम 7.85
पीटीएम 7.30

4. बीएस प्राईमरी स्कूल टिकरा पैगंबरपुर
23
पीआरएम 8.50
पीटीएम 8.35
24
पीआरएम 10.25
पीटीएम 9.90

5. मवैयां
23
पीआरएम 10.92
पीटीएम 10.60
24
पीआरएम 10.60
पीटीएम 10.05


इन कारणों से बिगड़ रही स्थिति

शहरी क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में छतों व गलियों में पानी का छिड़काव, नियमों के विपरीत सेंटरों में गाड़ियों की धुलाई व फैक्ट्रियों में भारी मात्रा में पानी का  प्रयोग किया जा रहा है। तमाम बड़े संस्थानों और ऊंची इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगे हैं। इस कारण भी भूमिगत जलस्तर नीचे खिसकता जा रहा है।  ग्रामीण क्षेत्रों में खेती-किसानी व  पशुपालन में भूजल का दोहन किया जा रहा है। किसान तालाबों व नहरों की बजाए ट्यूबबेल व सबमर्सिबल पंप पर अधिक निर्भर हो गए हैं। जिससे आउटर क्षेत्रों में भी हालत खराब हो रही है।

कुलगांव, टिकरा और गंभीरपुर में हालात खराब

शहर के आउटर क्षेत्रों में भी लगातार भूमिगत जल स्तर घट रहा है। गंभीरपुर में 2023 में प्री मानसून की अपेक्षा 2024 में 2.35 मीटर जलस्तर घटा है। पोस्ट मानसून रिपोर्ट के अनुसार यहां लगभग 1 मीटर धरती की कोख सूख गई है। कुलगांव और टिकरा में भी लगभग डेढ़ मीटर जलस्तर घट गया है।    

ऐसे होता भूजल स्तर का आकलन

कानपुर में लगभग 30 से अधिक केंद्र हैं, जो ज्यादातर विद्यालयों में बनाए गए हैं। वहां पर पीजोमीटर के जरिए जलस्तर नापा जाता है। यह एक स्केल होता है। इसे जब जमीन के भीतर डाला जाता है, तो पानी को छूते ही बीप बजने लगती है, इससे जलस्तर का पता चलता है।

किदवई नगर में लगातार जलस्तर घट रहा है। कई और क्षेत्र भी क्रिटिकल श्रेणी में हैं। लगातार जलदोहन से समस्या बढ़ रही है। - अविरल कुमार सिंह, भूजल वैज्ञानिक 

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