जज ने मांगा 5 लाख रुपए, उड़ाई हंसी... सुसाइड से पहले अतुल सुभाष ने जाहिर किया दर्द
लखनऊ, अमृत विचार: युवा इंजीनियर अतुल सुभाष की कहानी न केवल दिल झकझोर देने वाली है बल्कि समाज के लिए मंथन का विषय और न्यायिक व्यवस्था पर सवाल भी है। जौनपुर निवासी इंजीनियर ने शादी के बाद प्रताड़ना से तंग आकर जान दे दी है। 34 वर्षीय अतुल सुभाष कर्नाटक के बेंगलुरू में इंजीनियर थे जिनका शव उनके घर में फांसी के फंदे से लटका मिला। अतुल ने आत्महत्या से पहले 24 पन्ने का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने पत्नी और ससुरालियों की प्रताड़ना का दर्द बयां किया है। अतुल ने मरने से पहले लिखें अपने सुसाइड नोट में अपनी 12 लास्ट विश के तौर पर लिखा की अगर मुझे इंसाफ न मिल पाए तो मेरी अस्थियां कोर्ट की किसी नाली में बहा देना।
अतुल ने सुसाइड से पहले लगभग डेढ़ घंटे का एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें उसने कहा कि किस तरह पत्नी निकिता, उसकी सास निशा सिंघानिया, साला अनुराग सिंघानिया और चचेरे ससुर ने उससे पैसे ऐेंठने के लिए साजिश रची। आरोप लगाया कि, उन्होंने उसे और उसके परिवार को झूठे केसों में फंसाया। उसने कहा कि दो सालों में अब तक कोर्ट में 120 तारीखें लग चुकी है, जिनमें से वह 40 बार खुद बेंगलुरू से जौनपुर पेशी के लिए जाता रहा। इसके अलावा उसके माता पिता को भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कोर्ट से मिली तारीखों पर भी कुछ नहीं होता था, इसलिए वह इस व्यवस्था से तंग आ चुका है। अतुल सुभाष एआई इंजीनियर थे जिनकी शादी वर्ष 2019 में जौनपुर में ही रहने वाली निकिता सिंघानिया से हुई थी।
अतुल ने यहां तक आरोप लगाया कि जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज ने केस निपटाने के लिए 5 लाख मांगे, लेकिन जब उसने घूस नहीं दी तो फैमिली कोर्ट के जज ने 2 साल की बेटी के लिए 40 हजार प्रति माह भरण पोषण का आदेश पारित कर दिया। अतुल ने जब जज के सामने पत्नी पर उसे आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया तो जज भी हंस पड़ी।
निकिता ने अतुल और उसके माता-पिता व भाई पर हत्या की कोशिश, अननेचुरल सेक्स, घरेलू हिंसा और दहेज लेने जैसे आरोप लगाए थे। इन आरोपों में ऐसी धाराएं हैं कि बेल मिलना तक मुश्किल है। आरोप है कि उसने 3 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता भी मांगा। यहां तक की उसे अपने बच्चे का चेहरा तक नहीं देखने दिया। अतुल ने बच्चे को उसके माता-पिता और भाई को सौंपने की मांग की है. ताकि वो उसे अच्छी परवरिश दे सकें।
अतुल ने क्या खास कहा वीडियो में
जिस शांतचित्त तरीके से अतुल ने वीडियो बनाया, उससे प्रतीत होता है कि वह अपनी जान देने से पहले न्यायिक, सामजिक व्यवस्था की कड़वी हकीकत को जगजाहिर करना चाहता है। अतुल ने वीडियो में कहा- जब तक मुझे प्रताड़ित करने वालों को सजा नहीं मिलती तब तक मेरी अस्थियों का विसर्जन न हो, अगर इतने सबूत होने के बाद भी कोर्ट उन्हें सजा नहीं देती तो मेरी अस्थियों को वहीं सामने गटर में बहा दिया जाए। न्यायिक व्यवस्था से मेरी गुज़ारिश है कि मेरे मां-बाप और मेरे परिवार को परेशान न किया जाए। सुसाइड से दौरान उसने जो टीशर्ट पहनी थी उस पर एक पन्ना चिपका हुआ था जिस पर लिखा था- Justice Is Due.
यह भी पढ़ेः बंटेंगे तो कटेंगे... बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो