Allahabad High Court Decision : 14 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को जमानत देने से किया इनकार
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 14 वर्षीय एक लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि पीड़िता एक निर्दोष 14 वर्षीय बच्ची है और याची द्वारा किया गया अपराध समाज के प्रति गंभीर और जघन्य प्रकृति का है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकल पीठ ने हल्काई अहिरवार की जमानत याचिका को खारिज करते हुए पारित किया।
हालांकि याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उसे मामले में झूठा फंसाया गया है और प्राथमिकी भी 22 दिनों की देरी से दर्ज की गई है, जिसका अभियोजन पक्ष ने कोई उचित स्पष्टीकरण नहीं दिया है। यहां तक कि पीड़िता के बयान और प्राथमिकी में समानता भी नहीं दिखती जबकि हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी की ओर से प्रस्तुत अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची और उसके साथियों ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया और उसका वीडियो बनाकर वायरल भी किया, साथ ही विरोध करने पर पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी गई। मालूम हो कि आईपीसी, पोक्सो और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत थाना सौजना, ललितपुर में आरोपी सहित तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
अंत में कोर्ट ने अभियुक्तों के विरुद्ध आरोपी और रिकॉर्ड पर ली गई कथित सामूहिक दुष्कर्म की घटना की वीडियो सीडी को ध्यान में रखते हुए पाया कि पीड़िता 14 साल की मासूम लड़की है, जिसके साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार किया गया है। अतः ऐसे आरोपी जमानत के हकदार नहीं है। इसके अलावा कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को मामले को एक साल के भीतर निस्तारित करने का निर्देश भी दिया।
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