बाराबंकी: प्रधान और उनके पति का बड़ा कारनामा, बिना काम मस्टररोल में दर्ज कराई फर्जी मजदूरी...लाखों का किया वारा-न्यारा
बाराबंकी, अमृत विचार। जिले में मनरेगा का भ्रष्टाचार थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। मनरेगा योजना के तहत तलाब की फर्जी खुदाई के नाम पर पुरानी फोटो के सहारे सरकारी धन का बंदरबांट किए जाने का नया मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान व प्रधान पति पर भ्रष्टाचार करने और उसकी शिकायत करने पर धमकी दिए जाने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर फर्जीवाड़ा की जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
विकासखंड रामनगर के ग्राम बरियारपुर निवासी उदय कुमार, सुनील कुमार, आलोक, जुंगराज और सुनील कुमार समेत अन्य ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि गांव के निवासी सुंदर के खेत के पास गाटा संख्या 239 पर 20 अक्टूबर से 18 नवंबर तक फर्जी खुदाई का कार्य दिखाकर ग्राम प्रधान गरिमा यादव और सचिव की मिली भगत से प्रधान पति अंकज यादव ने भ्रष्टाचार किया। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रधानपति ने पहले मस्टररोल में लगभग 45 मजदूर प्रतिदिन और दोबारा में लगभग 64 मजदूरों की फर्जी हाजिरी प्रतिदिन लगाई और पुराने फोटो ऑनलाइन अपलोडट करके वित्तीय हेराफेरी की। जबकि मौके पर कोई काम नहीं कराया गया।
ऐसे में सवाल खड़ा हुआ कि काम नहीं हुआ तो मनरेगा वेबसाइट पर मस्टररोल में फर्जी हाजिरी दर्ज कर मजदूरी का लाखों रुपये भुगतान कैसे हो गया। जब इस मामले ने तूल पकड़ा तो प्रधानपति ने 22 नवंबर को उस स्थान पर करीब आधा दर्जन मजदूर लगाकर आनन-फानन में तलाब के जंगल को साफ कराया। शिकायतकर्ताओं ने उसी समय इसकी शिकायत बीडीओ से भी की, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर अब उन्होंने डीएम को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप है कि इसी गाटा पर पूर्व में भी प्रधानपति द्वारा इसी तरह का भ्रष्टाचार किया गया था। जिसमें प्रधानपति अंकज यादव ने अपने साथ, चाचा बब्लू व चाची पंक्षी निवासी बल्लोपुर विकासखंड सूरतगंज और आंगनबाड़ी सहायिका रामा देवी के नाम से मनरेगा की बड़ी रकम की हेराफेरी करने की कोशिश की थी। भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर तत्कालीन खंड विकास अधिकारी के द्वारा भुगतान पर रोक लगाकर जांच करवाई गई। जिसमें आरोप सिद्ध भी पाए गए। लेकिन बीडीओ का स्थानांतरण हो जाने पर मामला ठंडे बस्ते में चला गया। जिसके चलते प्रधान व प्रधान पति के हौसले बुलंद हो गये और उन्होंने दोबारा इस तरह की हेराफेरी की है। अब शिकायतकर्ताओं ने प्रधानपति पर अपनी ऊंची पहुंच दिखाकर धमकी देने का भी आरोप लगाया है। प्रधान, सचिव व प्रधानपति पर कोई कार्रवाई न होने से परेशान ग्रामीणों ने अब आईजीआरएस पोर्टल के साथ जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर भ्रष्टाचार की जांच करवाए जाने की मांग की है।
मामला संज्ञान में आया है। ग्राम पंचयातों में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मामले की जांच के लिये रामनगर बीडीओ को निर्देशित किया गया है। जांच में तथ्य सही निकलने पर दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी-अ. सुदन, मुख्य विकास अधिकारी।
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