बिजली निजीकरण के खिलाफ किसानों-मजदूरों का प्रदर्शन, सौंपा 12 सूत्रीय मांग पत्र

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचारः बिजली के निजीकरण के खिलाफ किसान और मजदूर संगठनों के राज्य व्यापी आवाहन पर बुधवार को बीकेटी तहसील में एक्टू और किसान महासभा के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया गया और राज्यपाल को सम्बोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र तहसीलदार को सौंपा गया।

एक्टू के जिला सचिव कुमार मधुसूदन मगन और अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला संयोजक छोटे लाल रावत के नेतृत्व में सैकड़ों प्रदर्शनकारी इन्दौरा बाग ब्लॉक तिराहे पर एकत्र होकर वहां से झंडा बैनर के साथ बिजली का निजीकरण नहीं चलेगा-नहीं चलेगा, देश के किसानों मजदूरों के ऊपर मंहगाई थोपने की साज़िश बर्दाश्त नहीं, पूंजीपतियों से यारी -जनता से गद्दारी नहीं चलेगी आदि नारे लगाते हुए उपजिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए कुमार मधुसूदन मगन ने कहा कि निजीकरण से न केवल बिजली महंगी होगी बल्कि बिजली कर्मचारियों के रोजगार पर गहरा खतरा पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निजीकरण के चलते समाज में आर्थिक सामाजिक विषमता पैदा होगी। ज्ञापन में प्रमुख रूप से बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने, पंजाब सरकार की तर्ज पर 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने, बिजली विभाग में कर्मचारियों की स्थाई नियुक्ति किया जाए, संविदा कर्मियों को नियमित करने,चुनावी वायदा के अनुसार ट्यूब वेल कनेक्शन पर बिजली मुफ्त देने, स्मार्ट मीटर योजना रद्द करने, बिजली उत्पादन के लिए कोयला के आयात पर रोक लगाने,बिजली के रख रखाव के लिए जनता पर शुल्क लगाने पर रोक की मांग की गई। विरोध प्रदर्शन में राम सेवक रावत, विजेता वर्मा,रामकली, लक्ष्मी भारतीय, हीरालाल, विजय कुमार, गुड्डू राजपूत, राजेन्द्र राजपूत, सर्वेश कुमार, लखन राजपूत समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।

यह भी पढ़ेः STF ने किया सीबीआई अधिकारी बनकर ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

संबंधित समाचार