बहराइच: मूक बधिर बच्चों ने पढ़ाई कर लहराया सफलता का परचम, कोई PWD तो कोई वन विभाग में है कार्यरत

बहराइच: मूक बधिर बच्चों ने पढ़ाई कर लहराया सफलता का परचम, कोई PWD तो कोई वन विभाग में है कार्यरत

बहराइच, अमृत विचार। शहर के मूक बधिर विद्यालय में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों ने माता पिता का नाम रोशन किया है। इशारों में सीखने और समझने वाले बच्चे आज सरकारी सेवा में कार्यरत हैं। इन मूक बधिर बच्चों को शिक्षा देने वाली डॉक्टर बलमीत कौर ने भी इन्हें सफलता दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की है।

3 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस मनाया जाता है। इस दिन दिव्यांग बच्चों को विभिन्न तरीके से खेल, शिक्षा समेत अन्य के बारे में जानकारी दी जाती है। यह एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है जो 32 वर्षों से हर वर्ष 3 दिसंबर को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य निशक्तजनों की क्षमता के मुद्दों को लेकर समाज में लोगों को जागरूक करना, उनकी समझ और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है।

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वर्ष 2024 में दिव्यांग दिवस का अंतरराष्ट्रीय विषय है समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए दिव्यांग व्यक्तियों के नेतृत्व को बढ़ावा देना। अब बात करते हैं शहर के मोहल्ला कानूनगोपुरा में संचालित बाबा सुंदर सिंह मूक बघिर विद्यालय के बारे में।इस विद्यालय में दिव्यांग बच्चों को शिक्षा दी जाती है।

सन 1992 में स्थापित बहराइच जनपद का दिव्यांग बच्चों का विद्यालय आज 70 बच्चों के साथ विभिन्न प्रकार की थेरेपी व एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के साथ दिव्यांग बच्चों के जीवन को सुधारने का कार्य कर रहा है। विद्यालय से प्रशिक्षित बच्चे अपना जीवन सुचारु रूप से व्यतीत कर रहे हैं। जिसमें से कई बच्चे सरकारी सेवा में कार्यरत हैं तथा कई बच्चे अपना स्वरोजगार करके अपना आप अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं।

विद्यालय की प्रबंधक डॉक्टर बलमीत कौर के पिता ने दिव्यांग बच्चों की पीड़ा देख स्कूल खोला। जिसकी बीड़ा उनकी बेटी ने उठाई और दिव्यांग बच्चों के लिए उन्होंने पूरा जीवन लगा दिया। बिना शादी किए डॉक्टर बलमीत कौर आज 70 बच्चों को शिक्षा दे रही हैं। इतना ही नहीं इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे आज सरकारी नौकरी भी कर रहे हैं।

इन दिव्यांग बच्चों को मिली नौकरी

बाबा सुंदर सिंह मूक बधिर विद्यालय में अमिष सिंन्हा, श्रवण कुमार, वरुण पोरवाल, विष्णु साहू, दीपक साहू, अमिताशा सिंन्हा, कोमल सिंह आदि अनेक उदाहरण समाज में मौजूद हैं।

कर्मयोगी सम्मान भी मिलेगी

जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग में वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात वरुण पोरवाल और अमिताशा सिन्हा को उनकी सफलता के लिए सम्मान भी मिलेगी। वरुण कुमार पोरवाल व अमिताशा सिंन्हा को लखनऊ की संस्था द्वारा कर्म योगी सम्मान द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

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