बरेली: बदायूं जामा मस्जिद विवाद पर बोले शहाबुद्दीन, 'हमारे देश को लगी कट्टरपंथियों की नजर'
बरेली, अमृत विचार। बदायूं की जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष की तरफ से नीलकंठ महादेव मंदिर बताया जा रहा है, पूरा मामला फास्ट ट्रैक अदालत भी पहुंच गया है। लिहाजा हिंदू व मुस्लिम दोनों पक्षों के मजहबी नेताओं की बयानबाजी का दौर भी जारी है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बदायूं जामा मस्जिद प्रकरण में अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारे देश को कट्टरपंथियों की नजर लग गई है।
मौलाना ने कहा कि हिंदुस्तान के बादशाह शमशुद्दीन अल्तमश ने 1223 ईसवी में बदायूं में एक मस्जिद का निर्माण कराया, जो शम्सी जामा मस्जिद बदायूं के नाम से जानी जाती है। बादशाह शमशुद्दीन सूफी विचार धारा के प्रबल प्रचारक थे, सूफी ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अजमेरी, सूफी ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी से खास अकीदत रखते थे। वो जब बदायूं आये तो उन्होंने कुछ दिन यहां विश्राम किया, कोई मस्जिद न होने की वजह से उन्होंने इस मस्जिद का निर्माण कराया, जिसको आज सांप्रदायिक सोच रखने वालों की नजर लग गई है। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश शासन काल के इतिहास 1856 में मस्जिद का उल्लेख मिलता है, उस दौर में इतिहास पर लिखी जाने वाली अंग्रेजी, फारसी, उर्दू की तमाम किताबों में मस्जिद का उल्लेख किया गया है। बदायूं एक ऐतिहासिक शहर है।
तनाव रोकने को प्रधानमंत्री आगे आएं
उन्होंने कहा कि भारत गंगा जमुनी तहजीब और हिंदू मुस्लिम भाईचारे के नाम से पूरी दुनिया में जाना पहचाना जाता है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश करते हैं कि वे इन तमाम मामलात में हस्तक्षेप करें। पूरे देश में सर्वे के नाम पर सांप्रदायिक दंगे और तनाव फैलाया जा रहा है इसको रोकने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री भी निभाएं।
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