Sambhal Violence : संभल हिंसा जांच के लिए पहुंची न्यायिक आयोग की टीम, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
संभल। संभल हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग की टीम जामा मस्जिद पहुंच गई है। टीम के तीन सदस्य हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा और यूपी के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन और रिटायर्ड प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद हैं। न्यायिक आयोग दो महीने में जांच पूरी करके योगी सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। टीम सबसे पहले हिंसा प्रभावित इलाके जामा मस्जिद पहुंची। अभी यहां का दौरा कर रही है। कमिश्नर, डीआईजी, डीएम और एसपी टीम के साथ हैं। कमिश्नर ऑन्जनेय कुमार सिंह ने कहा- टीम को सुरक्षा देने हमारा काम है।
#SambhalViolence : संभल हिंसा जांच के लिए पहुंची न्यायिक आयोग की टीम, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात @myogiadityanath @myogioffice @Uppolice @samajwadiparty @sambhalpolice @moradabadpolice @DmSambhal @Comm_Moradabad #SambhalJamaMasjid pic.twitter.com/UHRsbVN1dE
— Amrit Vichar (@AmritVichar) December 1, 2024
संभल में न्यायिक आयोग की टीम ने हिंसा मामले की जांच पड़ताल कोतवाली से पैदल ही शुरू की और हिंसा वाले क्षेत्र में पहुंची। उन्हें एसपी-डीएम ने बताया कि उस दिन क्या-क्या हुआ था? डीआईजी और कमिश्नर ने भी आयोग के सदस्यों को समझया कि उस दिन कहां से पथराव हुआ और कहां टकराव हुआ।
न्यायिक आयोग की टाम ने उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां गड़बड़ी हुई थी-मंडलायुक्त
मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बाद में बताया, रविवार को न्यायिक आयोग की टाम ने घटनास्थल का दौरा किया। उनका मुख्य उद्देश्य स्थल का निरीक्षण करना था। उन्होंने उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां गड़बड़ी हुई थी। टीम ने घटनास्थल एवं मस्जिद की जांच की और वहां मौजूद कुछ लोगों से बात की। टीम फिर से दौरा करेगी और दौरे का पूरा कार्यक्रम घोषित किया जाएगा। वे निश्चित रूप से दोबारा आएंगे। उन्होंने बताया, संभल में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है। फिलहाल, जिलाधिकारी के आदेश 10 दिसंबर तक प्रभावी हैं और उसके बाद किसी पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हम साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया में हैं और अब तक इसमें शामिल 400 व्यक्तियों की पहचान कर चुके हैं।
'टीम ने हमसे कुछ नहीं पूछा'
इस बीच, शाही जामा मस्जिद के इमाम आफताब हुसैन वारसी ने कहा, टीम करीब 15 मिनट तक रुकी और मस्जिद का निरीक्षण किया। मस्जिद प्रबंध समिति के सचिव मसूद फारूकी ने कहा, टीम ने हमसे कुछ नहीं पूछा। वे केवल जामा मस्जिद देखने आए थे और उसने घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि वे बाद में बयान लेंगे। आयोग के सदस्यों ने हालांकि सुबह के दौरे के समय मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। उनके साथ मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह, पुलिस उपमहानिरीक्षक मुनिराज जी, संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार भी थे।
रविवार को ही संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इकबाल महमूद ने 24 नवंबर की हिंसा के पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की। पुलिस के अनुसार, उनके बेटे सुहेल इकबाल हिंसा के आरोपियों में शामिल हैं। पुलिस ने संभल से सपा के सांसद जिया उर रहमान और 2750 से अधिक अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है, जिनमें से ज्यादातर अज्ञात हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मैं उनके दुख में शामिल होने आया हूं। अल्लाह इन बच्चों को जन्नत में जगह दे। वे शहीद हुए हैं और पूरा मुस्लिम समुदाय मस्जिद की खातिर कुर्बानी देने के लिए हमेशा तैयार रहता है। यहां जो कुछ हुआ वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
ये भी पढ़ें : Sambhal Violence : एएसआई ने कहा-जामा मस्जिद में अवैध निर्माण कर बदला गया स्वरूप