Sambhal Violence : एएसआई ने कहा-जामा मस्जिद में अवैध निर्माण कर बदला गया स्वरूप
एएसआई के अधिवक्ता ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया जवाब
संभल , अमृत विचार । संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर का दावा करते हुए सिविल कोर्ट सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर किए गए वाद में तय सुनवाई पर शुक्रवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने अपना जवाब दाखिल किया तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। एएसआई के अधिवक्ता द्वारा अदालत में दाखिल किए गए जवाब में कहा गया है कि जामा मस्जिद के स्वरूप में परिवर्तन किया गया है। कई हिस्सों में अवैध निर्माण कर स्वरूप बदले जाने के साथ ही एएसआई की टीम को जामा मस्जिद में न जाने देने की बात भी कही है।
एएसआई के अधिवक्ता विष्णु शर्मा की ओर से दाखिल किए गए जवाब में कहा गया है कि 25 जून 2024 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मेरठ कार्यालय की टीम ने जामा मस्जिद का निरीक्षण किया था। जिसमें श्रीमती नीति अनिल कुमार, भूपेंद्र सिंह फोनिया, अनुराग शर्मा सहायक अधीक्षण पुरातत्व विद, विवेक कुमार सिंह व मुकेश कुमार सहायक पुरातत्व विद, कपिल कौशिक छायाकार व राजेंद्र कुमार मीणा संरक्षण सहायक मौजूद थे। इससे पहले टीम ने 21 दिसंबर 2023 को जामा मस्जिद के निरीक्षण का प्रयास किया था तब स्थानीय निवासियों ने अंदर जाने से रोक दिया था। 25 जून 2024 को जामा मस्जिद में सर्वेक्षण की कार्रवाई जिलाधिकारी के आदेश और पुलिस बल की मौजूदगी के साथ की गई थी।
जामा मस्जिद में निरीक्षण के बारे में बताया गया कि जामा मस्जिद के मुख्य गेट के बायीं तरफ पुराने कुएं को मस्जिद कमेटी ने ढककर उसके ऊपर सुरक्षा कक्ष का निर्माण करा दिया। मस्जिद की सीढ़ियों के दोनों तरफ स्टील की रेलिंग लगाई गई है जिसे लेकर 19 जनवरी 2018 को मुकदमा भी दर्ज कराया गया था। जिलाधिकारी संभल को स्टील की रेलिंग ध्वस्त कराने के आदेश दिए गए थे लेकिन यह कार्रवाई अब तक लंबित है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद में बने हौज का पत्थर लगाकर नवीनीकरण कर दिया गया है। मस्जिद में नया फर्श बनवाया गया है जिससे पुराना फर्श दब गया है। मस्जिद कमेटी ने मस्जिद पर इनेविल पेंट की कई मोटी परतों से पेंट करा दिया है। जिससे मस्जिद का वास्तविक स्वरूप नष्ट हो गया है। मस्जिद के मुख्य हाल के गुम्बद में लगी लोहे की चेन पर कांच का झूमर लगा दिया गया है। कहा गया है कि 1875-76 के आरेख से तुलना करने पर मस्जिद की मुख्य संरचना के सामने के हिस्से की मूल संरचना के ऊपरी भाग में काफी परिवर्तन किया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा जामा मस्जिद के प्राचीन और मौजूदा स्वरूप के फोटो भी दाखिल किए गए हैं।
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