बदायूं: गंभीर चोटे पहुंचाने के दोषी तीन सगे भाइयों को पांच-पांच साल की सजा
14 साल पुराने मामले में अपर सत्र न्यायाधीश मिर्जा जीनत ने सुनाया फैसला
बदायूं, अमृत विचार। चौदह साल पहले गंभीर चोट पहुंचाने के आरोपी तीन सगे भाइयों को अपर सत्र न्यायाधीश मिर्जा जीनत ने दोषी करार दिया है। तीनों दोषियों को पांच-पांच साल की सजा और हर एक पर पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन कथानक के अनुसार कस्बा ककराला निवासी जहीरूद्दीन ने एक जुलाई 2009 को थाना अलापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि कस्बा के वार्ड पांच निवासी शमशुद्दीन उर्फ पप्पू, उबैश और बबलू पुत्र कमरूद्दीन सगे भाई हैं और राजमिस्त्री व मजदूरी करते हैं। उन लोगों ने जहीरूद्दीन के मकान का कमरा बनाया था। कमरा छोटा बना दिया। जिसकी वजह से कमरा तुड़वाना पड़ा। तीनों भाइयों से दोबारा कमरा बनवाने व सही कराने को कहा। एक जुलाई की सुबह शमशुद्दीन, उबैश लाठी और बबलू सरिया लेकर आए और उन्हें गाली देने लगे। जहीरूउद्दीन और उनके बेटे मेहनाज ने गाली देने से मना किया। तो तीनों भाइयों ने मेहनाज को पीटना शुरू कर दिया। जहीरूद्दीन पर भी लाठी बरसाईं और सरिया मारी। उन्हें बचाने के लिए दौड़ी जहीरूद्दीन की बेटी को भी पीट दिया। तीनों भाइयों की पिटाई से जहीरूद्दीन और उनका बेटा व बेटी गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके जांच की। कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन था। शनिवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करके एडीजीसी ओम पाल कश्यप और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद तीनों भाइयों को पांच-पांच साल कैद और जुर्माना की सजा सुनाई।