Kanpur: कैसे निकालें गंगा से पुल? यह चुनौती आ रही सामने...पीडब्ल्यूडी कर रहा मंथन

Kanpur: कैसे निकालें गंगा से पुल? यह चुनौती आ रही सामने...पीडब्ल्यूडी कर रहा मंथन

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाला 150 साल पुराना शुक्लागंज पुल का 30 मीटर लंबा स्पैन (दो पिलर के बीच का हिस्सा) 26 नवंबर को भरभरा कर गंगा में गिर गया था, जो दो पिलरों के बीच में फंसकर और पानी के अंदर धंस गया है। यह स्पैन इतना भारी और लोहायुक्त है कि पीडब्ल्यूडी को इसे बाहर निकालने के लिए काफी मंथन करना पड़ रहा है। क्योंकि पुल में लगा लोहा निकलवाना विभाग को नामुमकिन लग रहा है। 

ब्रिटिश काल में बना शुक्लागंज पुल कानपुर व उन्नाव को जोड़ने का काम करता था, जिसे अंग्रेजों ने वर्ष 1875 में बनवाया था। इस पुल की खास बात ये है कि यह अपनी उम्र से अधिक जिया यानी सौ साल से अधिक पुल ने अपनी सेवाएं दीं, लेकिन पिलरों में दिक्कत आने की वजह से इसे वर्ष 2021 में सुरक्षा के लिहाज से बंद कर दिया गया था। 

26 नवंबर को इस पुल के पिलर संख्या नौ और 10 के बीच का स्पैन टूटकर गिर गया, जो दो पिलरों के बीच में बुरी तरह फंसा है और पानी के अंदर धंसा हुआ है। इस स्पैन को बाहर निकलवाना पीडब्ल्यूडी व संबंधित विभाग के अधिकारियों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण है। संबंधित विभाग के अधिकारी वर्तमान में इस संबंध में मंथन कर रहे हैं कि इस हिस्से को बाहर कैसे और किस तरह से निकाला जाए। 

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के मुताबिक विभाग ऐसी मामले देख रहा है, जहां पर इस तरह से पुल गिरे और भारीभरकम स्पैन को बाहर निकलवाने में कामयाबी हासिल की। उन जगहों से विभाग पूरा इनपुट लेगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी संबंधित अन्य विभागों की भी मदद लेगा। तब इस स्पैन को निकलवाने के लिए कमेटी गठित की जाएगी। उसके बाद कमेटी जांच और मौके पर मुआइना करेगी। 

पुल का कुछ और हिस्सा भी गिरने की कगार पर

जिन पिलरों के बीच का लोहायुक्त स्पैन टूटकर गिरा है, उसके अगल व बगल वाले पिलरों की भी हालत ठीक नहीं है। पिलर नंबर आठ और 11 का हिस्सा भी काफी जर्जर हो चुका है। विभाग ने उनपर संख्या लिख दी है, साथ ही क्षेत्र में नाविकों को भी अवगत कराया है कि इन पिलरों के आसपास से न गुजरें। अधिकारियों को नाविकों ने अवगत कराया है कि पूर्व में पुल के जंग लगे एंगल और पिलर के टुकड़े अक्सर टूटकर गिरते थे। अधिकारियों के मुताबिक इस संबंध में जांच कमेटी गठित की जाएगी, जो चटके और जर्जर हिस्सों का सर्वे करेगी।  

सौ नावें भी पड़ जाएंगी कम 

पुल का जो हिस्सा गिरा है, वह पुरा लोहायुक्त है और वजन में कई टनों का है। पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी के मुताबिक लोहायुक्त स्पैन को पानी के अंदर किस तरह काटेंगे और उसको कैसे बाहर निकाला जाए, अभी इसपर रणनीति तैयार की जा रही है। नावों के जरिए भी स्पैन को निकलना मुश्किल है क्योंकि अधिक वजन होने की वजह से नाव के डूबने का भी खतरा है। ऐसे में अगर सौ नाव भी लगती हैं तो भी कम पड़ सकती हैं।

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