Kanpur: सीएसजेएमयू और एफईएफयू रूस के बीच समझौता; शिक्षा और अनुसंधान में नई पहल, एआई पर होगा खासतौर पर कार्य
कानपुर, अमृत विचार। छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी कानपुर और फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी रूस ने एक एमओयू साइन किया है। इस एमओयू के तहत दोनों विश्वविद्यालय मुख्य रूप से पांच क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। इनमें एआई ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर विशेष रूप से कार्य होगा। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच छात्र और फैकल्टी के बीच आदान-प्रदान भी होगा।
विश्वविद्यालय में हुए आयोजन के दौरान सीएसजेएमयू के कुलपति प्रो विनय पाठक व एफईएफयू के प्रतिनिधि प्रो. सेलेज्नेव टिम मौजूद रहे। बताया गया कि इस समझौते के अनुसार संयुक्त शैक्षणिक कार्यक्रम के तहत दोनों विश्वविद्यालय मिलकर उभरते क्षेत्रों में विशेष शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार करेंगे। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एडवांस्ड एल्गोरिदम, मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग पर कोर्स को विस्तृत किया जाएगा।
डेटा साइंस और एनालिटिक्स के तहत डेटा मैनेजमेंट, बिग डेटा और एनालिटिक्स पर संयुक्त शोध कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा साइबर हमलों और डेटा सुरक्षा पर विशेष कोर्स और वर्कशॉप भी आयोजित की जाएगी। हर साल सीएसजेएमयू और एफईएफयू दोनों संस्थानों के छात्र और शिक्षक एक-दूसरे के कैंपस में शैक्षणिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाएंगे। छात्रों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव और ग्लोबल इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स के हिसाब से तैयार किया जाएगा।
युवाओं की बेहतरी के लिए दोनों देशों के वैज्ञानिक और शोधकर्ता नई खोजों और तकनीकी समाधानों का आदान-प्रदान भी करेंगे। इसके साथ ही दोनों विश्वविद्यालयों के इनक्यूबेशन सेंटर्स मिलकर स्टार्टअप्स को बढ़ावा देंगे। दोनो विश्वविद्यालय मिलकर छात्रों को ग्लोबल लेवल पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए ट्रेनिंग देंगे।
सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि भारत और रूस का यह शैक्षणिक गठजोड़ छात्रों को न केवल वैश्विक मंच पर नई संभावनाएं देगा, बल्कि दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करेगा। एफईएफयू के प्रतिनिधि प्रो. सेलेज्नेव टिम ने कहा कि यह साझेदारी शिक्षा और तकनीक के क्षेत्र में दोनों देशों को नए आयामों तक ले जाएगी।
छात्रों को यह होंगे फायदे
एमओयू के दौरान बताया गया कि इस समझौते से छात्रों को विशेष लाभ हासिल होगा। इसमें अंतरराष्ट्रीय अनुभव और एक्सपोजर उन्हें मिलेगा। इसी तरह रूस में उच्च-स्तरीय प्रयोगशालाओं और सुविधाओं का उपयोग भी छात्र कर सकेंगे। उधर ग्लोबल इंडस्ट्री की मांगों के हिसाब से छात्र ट्रेनिंग भी हासिल कर सकेंगे।
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