मुरादाबाद : भाजपा नेता की हत्या में पहले 14 जा चुके हैं जेल, हरियाणा-पंजाब और दिल्ली में फरारी काट रहा था विकास
गिरफ्तार लोगों में 3 शूटर और 11 साजिशकर्ता शामिल, हत्या में शामिल दो आरोपी वारदात के समय जेल में थे
पुलिस गिरफ्त में एक लाख का इनामी विकास सिंह धामा ।
मुरादाबाद, अमृत विचार। राजनैतिक वर्चस्व के जंग में मारे गए भाजपा नेता और बीडीसी सदस्य अनुज चौधरी की हत्या बेहद दुस्साहसिक ढंग से अंजाम दी गई थी। राजनैतिक वर्चस्व की जंग के साथ ही संपत्ति के कई मामलों में अनुज चौधरी के विरोधी रहे लोग भी एक साथ आ गए। इस मामले में एक लाख के इनामी विकास सिंह धामा की गिरफ्तारी से पहले 14 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है।
भाजपा नेता अनुज चौधरी हत्याकांड के ठीक छह दिन बाद पुलिस ने 16 अगस्त को असमोली ब्लॉक प्रमुख संतोष देवी के बेटे अनिकेत और रेलवे क्लर्क नीरजपाल को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया था। तत्कालीन एसएसपी हेमराज मीणा ने अनुज चौधरी हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया था कि ब्लॉक प्रमुखी के चुनाव और अन्य रंजिश के कारण 30 लाख रुपये की सुपारी देकर अनुज चौधरी की हत्या कराई गई थी। इसके बाद 22 अगस्त 2023 को पुलिस ने सिविल लाइंस और मझोला क्षेत्र में हुईं अलग-अलग मुठभेड़ में तीन शूटरों सूर्यकांत शर्मा, आकाश और सुशील शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अगले ही दिन एक और साजिशकर्ता पुष्पेंद्र उर्फ भूरा की गिरफ्तारी हुई थी। बाद में केजीके कॉलेज के क्लर्क अमित चौधरी को भी जेल भेजा गया था।
इसके अलावा सिविल लाइंस के प्रकाश एनक्लेव निवासी मेरठ के शिक्षक कमलवीर सिंह और असमोली ब्लॉक प्रमुख के पति प्रभाकर को भी पुलिस जेल भेज चुकी है, जबकि कुशांक और सीए श्वेताभ तिवारी हत्याकांड के आरोपी बलरामपुर जेल में बंद पूर्व ब्लॉक प्रमुख ललित कौशक और बरेली जेल में दीपक चौहान हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मोहित चौधरी का नाम विवेचना के दौरान पुलिस ने खोला था। इसी साल 4 अक्तूबर को पुलिस ने रेकी के लिए शूटरों को पार्श्वनाथ प्रतिभा अपार्टमेंट में फ्लैट दिलाने वाले अमरोहा के रजतपुरा थाना क्षेत्र के गांव कोटा निवासी पंकज हुड्डा उर्फ पंकज चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस इस हत्याकांड में अब तक 3 शूटरों समेत 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में विकास ने काटी फरारी
एसटीएफ प्रभारी के अनुसार पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर अनुज चौधरी की हत्या करने की योजना बनाई थी। उससे जमीन के पैसों का विवाद चल रहा था। एसटीएफ के अनुसार आरोपी विकास सिंह धामा के पिता सतेंद्र कई बार गांव के प्रधान रह चुके हैं। विकास खुद ठेकेदारी करता है। अनुज चौधरी की हत्या के बाद से वह हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में फरारी काट रहा था। एसटीएफ बरेली ने उसे गिरफ्तार कर मझोला पुलिस को सौंप दिया।
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