लखीमपुर खीरी: बाघ पिंजड़े में हुआ कैद, मन्नापुर में किसान को बनाया था निवाला

लखीमपुर खीरी: बाघ पिंजड़े में हुआ कैद, मन्नापुर में किसान को बनाया था निवाला

लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: मोहम्मदी की महेशपुर की वनवीट देवीपुर में खेत की सिंचाई कर रहे किसान कंधईलाल पर हमला कर निवाला बनाने वाला बाघ शुक्रवार की रात पिंजड़े में कैद हो गया। बाघ देखने वाले लोगों की भारी भीड़ एकत्र हो गई। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम और पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने में पसीना छूट गया।

बता दें, देवीपुर बीट के ग्राम मन्नापुर में खेत की सिंचाई कर रहे कंधईलाल यादव (60) पर गुरुवार को बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। इससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। मौके पर पहुंचे सपा सांसद आनंद सिंह भदौरिया, पूर्व मंत्री आरए उस्मानी सहित तमाम सपाइयों ने मन्नापुर पहुंचकर वनविभाग के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए बाघ को पकड़ने के लिए अधिकारियों से कहा था।   

शुक्रवार को डीएफओ संजय विश्वाल, रेंजर नरेशपाल सिंह ने वनकर्मियों के साथ मन्नापुर पहुंचकर बाघ पकड़ने के लिए पिंजड़ा, कैमरे लगवाए थे। जिसकी निगरानी में कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई थी। रेंज के डिप्टी रेंजर रामनरेश वर्मा, सुरेंद्र पाल गौतम, वन दरोगा रोहित कुमार, अभिशेक वर्मा, शिवकुमार कश्यप, अशोक वर्मा आदि ने आस पास के गांवों में कांबिंग की लेकिन बाघ का कोई सुराग नहीं लगा है। शुक्रवार की रात गन्ने के खेतों से शिकार की तलाश में निकला बाघ वन विभाग के पिंजड़े में कैद हो गया। 

बाघ पकड़े जाने की सूचना जब ग्रामीणों को हुई तो उसे देखने के लिए भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। सूचना पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम को भीड़ को नियंत्रित करने में पसीना छूट गया। किसी तरह से लोगों को नियंत्रित किया जा सका। बाघ के पकडे जाने के बाद लोगों ने राहत महसूस की है। वन विभाग की टीम ने चिकित्सकों की टीम को बुलाया है और उसके पकड़े जाने की सूचना आला अफसरों को दी है। चिकित्सीय परीक्षण और आला अफसरों के निर्देश के बाद उसे जंगल में छोडा जाएगा।

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