पीलीभीत: अधिवक्ताओं की मांग...गाजियाबाद लाठीचार्ज कांड की CBI से कराई जाए जांच, मानव श्रृंख्ला बनाकर जताया विरोध
पीलीभीत, अमृत विचार: गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज का विरोध बरकरार है। जनपद के अधिवक्ता शुक्रवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहे और सड़क पर आकर जमकर नारेबाजी की। विकास भवन के सामने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध जताया। इसके बाद मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पूनिया को सौंपा गया।
बता दें कि 29 अक्टूबर को गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया था। इसमें कई अधिवक्ताओं को गंभीर चोटे आई थी। लाठीचार्ज के विरोध में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के आवाहन पर चार नवंबर से अधिवक्ता कलमबंद हड़ताल पर हैं।
इसके बाद से ही अपनी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रखते हुए जनपद के अधिवक्ता विरोध दर्ज करा रहे हैं। शुक्रवार को भी हड़ताल रही और अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में अधिवक्ता जमा हुए और जुलूस के रूप में विकास भवन गेट पर पहुंचे। यहां मानव श्रृंखला बनाकर नारेबाजी की गई।
इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम को सौंपा। जिसमें उत्तर प्रदेश में अधिवक्ता संरक्षण कानून लागू करने, गाजियाबाद में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज की जांच सीबीआई या उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति से कराने, जिला जज गाजियाबाद के विरुद्ध उच्च न्यायालय इलाहाबाद से कठोर कार्रवाई और किसी अन्य जनपद में स्थानांतरण करने , लाठीचार्ज में घायल हुए अधिवक्ताओं को पांच -पांच लाख रुपये मुआवजा दिलाने समेत कई मांगों को रखा गया।
इस मौके पर जिला संयुक्त बर एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरेंद्र मिश्र, महासचिव आनंद मिश्रा, सिविल बार के अध्यक्ष विवेक पांडे,महासचिव मोहन गिरी, सेंट्रल बार के महासचिव विवेक अवस्थी, अश्विनी कुमार सिंह, महेंद्र मिश्रा, एसआर गंगवार, अशोक बाजपेई, आलोक नगाइच, विनीत सक्सेना, राधा सहगल, संजय वरूआ, राजीव अवस्थी, राम अवतार रस्तोगी, तारिक अली बेग, फैजान अली आदि अधिवक्ता थे।
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