सितारगंज: खुलेआम चल रही जुए की 'Book' मे फंसकर बर्बाद हो रहे युवा
सितारगंज, अमृत विचार। क्षेत्र के युवाओं को बिना मेहनत के अधिक पैसा कमाने के सपने दिखाकर कोतवाली क्षेत्र मे खुलेआम बुक नाम के जुए का साम्राज्य फैलाया जा रहा है। इससे क्षेत्र के युवा इस अवैध कारोबार की गिरफ्त मे आकर लाखों रुपए बर्बाद कर रहे हैं।
सितारगंज में एक स्थानीय युवक द्वारा कुछ कुख्यात जुआ कारोबारियों के साथ मिलकर खुलेआम 'बुक' नाम से जुआ खिलाया जा रहा है। क्षेत्र के बाग बगीचों, खेतों व नदियों के किनारे पर खुलेआम चौपाल लगाकर इस खेल का संचालन किया जाता है। इसमे ताश के पत्तों पर पैसे लगाए जाते हैं। संचालक ताश के पत्ते बांटते हैं। खेल में पत्ता आने पर जुआरी को लगाई गई रकम का दोगुना भुगतान संचालकों द्वारा किया जाता है।
उक्त सुनियोजित जुए में सितारगंज के साथ ही नानकमत्ता, शक्तिफार्म के दर्ज़नों युवा प्रतिदिन लाखों रुपये हार कर अपना घर परिवार बर्बाद कर रहे हैं। इस जुए के अवैध कारोबार में लिप्त लोग रोजाना लाखों रुपये जीत कर मोटी रकम समेट लेते हैं। इससे क्षेत्र की युवा पीढ़ी लगातार जुए की गिरफ्त में फंसती जा रही है।
जुआ संचालकों में मुख्य किरदार में नगर के एक युवक का नाम सामने आ रहा है, हालांकि इस पूरे खेल के पीछे कुछ पुराने कुख्यात जुआ कारोबारियों की संलिप्तता भी बताई जा रही है। इस्लाम नगर निवासी उक्त युवक का काम प्रतिदिन जुआ खिलाने के स्थान का चयन करना, क्षेत्र के युवाओं को फोन पर जुए के स्थान की सूचना देना एवं नए युवाओं को बरगलाकर जुए की बुक से जोड़ने का होता है।
इसके अलावा जुए की फड़ पर पत्ते बांटने के लिए अलग युवक की नियुक्ति की गई है। जुआरियों को जुए के स्थान पर ही खाने पीने की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए भी लोगों को नियुक्त किया गया है। जुए के इस काले कारोबार को जिस नियोजित तरीके एवं योजनाबद्ध रूप से संचालित किया जा रहा है। लोगों का आरोप है कि इस तरीके से व्यवस्थित अपराध बिना प्रशासनिक सहयोग के चलना संभव नहीं है। लोगों ने इस पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।
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