शाह महमूद कुरैशी व अन्य लोगों के खिलाफ पाकिस्तान की अदालत ने तय किए आरोप
लाहौर। पाकिस्तान की आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और 20 अन्य लोगों के खिलाफ नौ मई 2023 के दंगों के संबंध में आरोप तय कर दिए हैं। अदालत के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष कुरैशी ने सोमवार को कोट लखपत जेल में सुनवाई के दौरान तय किए गए आरोपों को बेबुनियाद करार दिया और इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया।
उन्होंने कहा कि ये मामले पीटीआई नेतृत्व को दबाने के लिए गढ़े गए हैं। जिन वरिष्ठ नेताओं पर आरोप तय किए गए हैं उनमें पीटीआई की पंजाब इकाई के अध्यक्ष यास्मीन रशीद, सीनेटर एजाज चौधरी, पंजाब के पूर्व राज्यपाल उमर सरफराज चीमा, पूर्व प्रांतीय मंत्री मियां महमूदुर राशिद, पूर्व सांसद आलिया हमजा, रूबीना जमील तथा सोशल मीडिया कार्यकर्ता सनम जावेद शामिल हैं। सुनवाई की अध्यक्षता आतंकवाद रोधी अदालत के न्यायाधीश मंज़र अली खान ने की।
एक विशेष अभियोजक ने आरोप पत्र प्रस्तुत किया, जिसमें थाने पर हमला करने, सार्वजनिक संपत्ति को आग लगाने और कानून प्रवर्तन कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार जैसे आरोप शामिल थे। अदालत के अधिकारी के मुताबिक, सभी आरोपियों ने आरोपों से इनकार किया और खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष के पास अपने दावों को पुष्ट करने के लिए सबूतों का अभाव है। अदालत ने अभियोजन पक्ष को 25 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान अपने गवाह पेश करने का निर्देश दिया। नौ मई 2023 को खान की पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन समेत एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की।
रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर भी पहली बार भीड़ ने हमला किया। पत्रकारों से बात करते हुए कुरैशी ने खान के प्रति अपनी निष्ठा जतायी। खान अगस्त 2023 से 200 से अधिक मामलों को लेकर जेल में बंद हैं। कुरैशी ने इन मामलों को बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि इन्हें पीटीआई नेतृत्व को दबाने और उन्हें अवैध रूप से जेल में रखने के लिए गढ़े गए हैं। कुरैशी ने पीटीआई कार्यकर्ताओं और समर्थकों से 24 नवंबर को इस्लामाबाद में प्रस्तावित विरोध मार्च में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह रैली राजनीतिक कैदियों की आजादी, स्वतंत्र न्यायपालिका की बहाली और इमरान खान की रिहाई के लिए है।
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