सपा सांसद का आरोप- मुस्लिम, यादव और कुर्मी जाति के मतदाताओं को धमका रहे हैं पुलिसकर्मी, अखिलेश ने भी चुनाव आयोग से की शिकायत
लालजी वर्मा ने कहा- हमें गनर की आवश्यकत नहीं है, मेरे पास जो गनर है उसे भी मैं छोड़ रहा हूं, क्योंकि पुलिस से भरोसा समाप्त हो गया है
अंबेडकरनगर/लखनऊ, अमृत विचार। यूपी के अंबेडकरनगर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद लालजी वर्मा ने कटेहरी विधानसभा उपचुनाव में पुलिस कर्मियों द्वारा सपा समर्थकों के उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। सांसद ने कहा कि सपा समर्थकों को लाल पर्चा देकर मतदान से वंचित रहने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
सपा सांसद लाल जी वर्मा ने कहा है कि विशेष रूप से मुस्लिम, यादव और कुर्मी जाति के लोगों को पुलिसकर्मियों द्वारा धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य लोकतंत्र के लिए जो उत्पीड़न सपा समर्थकों का किया जा रहा है वह घातक है। सांसद ने पुलिस अधीक्षक पर उत्पीड़न पर अंकुश लगाने की जगह उसे और अधिक बल दिने का भी आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मतदाताओं को अत्यधिक भयभीत किया जा रहा है, जिससे वह मतदान न कर सकें।
उन्होंने पुलिस कर्मियों पर आरोप लगाया कि भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए क्षेत्र में भय पैदा किया जा रहा है, जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है। सांसद ने कहा कि एसपी पुलिसकर्मियों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न पर अंकुश लगाने की कार्रवाई करें। जिससे कि लोग निर्भीक होकर मतदान कर सकें। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक द्वारा सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गनर उपलब्ध कराने की पेशकश की गई है, लेकिन हमे गनर की आवश्यकत नहीं है। मेरे पास जो गनर है उसे भी मैं छोड़ रहा हूं, क्योंकि पुलिस से भरोसा खत्म हो गया है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लगाया पक्षपात आरोप
उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है। सपा अध्यक्ष ने एक लाल रंग की पर्ची की तस्वीर शेयर करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी यह लाल रंग की पर्ची को बांटकर मतदातों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले को संज्ञान में लेने और तत्काल कार्रवाई की मांग की है। सपा अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा कि चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उप्र में शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए लाल पर्ची बांटकर मतदाताओं पर दबाव बनाया जा रहा है। यह एक तरह से संविधान द्वारा दिए गए मताधिकार को छीनने का गैर-कानूनी कृत्य है।
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