कासगंज: दो बच्चों की उपचार के दौरान दिल्ली के अस्पताल में मौत, मचा कोहराम

डिप्थीरिया से मौत की आशंका के चलते मचा हड़कंप

कासगंज: दो बच्चों की उपचार के दौरान दिल्ली के अस्पताल में मौत, मचा कोहराम

गंजडुंडवारा, अमृत विचार।  गंजडुंडवारा ब्लांक क्षेत्र के गांव सुजावलपुर में दो सगे भाईयों के मासूमों के गले में दो दिन परेशानी के बाद 24 घंटे में ही दोनों की दम घुटने से मौत हो गई । घटना से लोगों में शोक की लहर दौड गई। मौत की सूचना पर डिप्थीरिया की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर जानकारी जुटाई और दवा वितरित की। 
 
गांव में दो दिनो पूर्व एक ही परिवार के यासी पुत्र नदीम उम्र 9 वर्ष और फैजुल पुत्र फिरोज उम्र 4 वर्ष के गले में अचानक परेशानी महसूस हुई।गुरुवार को सुजन की शिकायत हुई।परिजन उपचार को निजी चिकित्सक के यहां ले गए।चिकित्सक ने उपचार के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी।परिजन मासूमों को अलीगढ ले गए, जहां बच्चों की गंभीर हालत देख डाक्टरों ने दिल्ली रेफर कर दिया। शुक्रवार की सुबह दोनों मासूमों ने दिल्ली में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। मासूमों की मौत की खबर से गांव में शोक की लहर दौड़ गई। 

शव देख मचा कोहराम 
गांव में दो मासूमों की मौत की सूचना पर सुबह से ही क्षेत्र में सन्नाटा पसरा हुआ था। देर शाम मासूमों के शव घर पहुंचे तो महिलाओं की चिखपुकार मच गई।आसपास के लोग मासूमों का शव देखने के लिए पहुंचते रहे। बच्चों का शव देख हर किसी की आंखे नम दिखीं। 


25 घरों को किया चिन्हित, बांटी दवाई
दोनों बच्चों के गले में सूजन से मौत होने से स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंच कर डिप्थीरिया की आशंका को देखते हुए आसपास के करीब 25 घरों को चिहिंत कर उनके 281 सदस्यों को 14 दिन की दवा का वितरित की गई। एएनएम और आशा के माध्यम से घरों का सर्वे करा बच्चों के टीकाकराण की जानकारी जुटाई गई। मासूमों की गले में सूजन के बाद अचानक मौत से तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।कुछ लोग बच्चों की मौत का कारण डिप्थीरिया बता रहे हैं।जिसको लेकर क्षेत्र में भय का माहौल है। लोग व बच्चे मास्क लगाए हुए दिखे।  टीम में डॉ अमन मिश्रा राहुल मोहम्मद मिया और बीपीएम वागेश्वर आदि मौजूद रहे।

अलर्ट मोड़ पर स्वास्थ्य विभाग 

सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र अधीक्षक डा.आकाश ने बताया कि दो बच्चों की मौत की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम अर्लट मोड पर है।लगातार जानकारी जुटाई जा रही है। डिप्टीथीरिया से मौत की पुष्टी अभी नहीं हुई है।लक्ष्ण के आधार पर डिप्टीथीरिया की आशंका के चलते आसपास घरों मे दवा वितरण व टीकाकरण का सर्वे कराया जा रहा है।

क्या होता है डिप्थीरिया
डिप्थीरिया गले और नाक का एक संक्रमण है जो कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु द्वारा उत्पादित विष के कारण होता है।यह 2 से लेकर 11 वर्ष तक की आयु के बालकों को अधिक होता है,यद्यपि सभी आयुवालों को यह रोग हो सकता है।रोगी के खांसने, छींकने के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे तक यह तेजी से फैलता है।इस बीमारी में तेज बुखार, गले में खराश, सूजन,भोजन निगलने में व सांस लेने में तकलीफ की परेशानी होती है।जिस बच्चे में डिप्थीरिया के लक्षण हों,उसे अलग कमरे में रखें। मास्क का प्रयोग करें।अन्य बच्चों के संपर्क से दूर रखें। खाने में तरल पदार्थ दें। बच्चों का समय समय पर नियमित टीकाकरण कराया जाना आवश्यक है। जिससे इस प्रकार की बीमारी से बचा जा सकता है।