हल्द्वानी: बदलते मौसम में कुत्तों और बिल्लियों को हो रहा वायरल
हल्द्वानी, अमृत विचार। मौसम बदलने से इंसानों के साथ पशुओं में भी वायरल बुखार और खांसी के लक्षण सामने आ रहे हैं। शहर के निजी और सरकारी पशु अस्पतालों की ओपीडी में भी प्रतिदिन चार दर्जन से अधिक पशु मालिक अपने कुत्ते, बिल्ली और बकरी आदि पशुओं को लेकर पहुंच रहे हैं।
जिन्हें डॉक्टर दवाओं के साथ गुड़, अजवाइन देने के अलावा विशेष ध्यान रखकर अपने पशुओं को सुरक्षित और स्वस्थ्य रखने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार पशुओं की सुरक्षा और खान-पान का ख्याल रखकर उन्हें बदलते मौसम में रोगों से बचाया जा सकता है।
बदलते मौसम में इंसानों के अलावा जानवरों में भी कई तरह के रोग होने लगते हैं। इससे ग्रसित हो रहे पशुओं को लेकर इन दिनों पशुपालक शहर के अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकतर जानवरों में नाक बहने, खांसी और बुखार के अलावा फ्लू जैसे लक्षण हैं। वहीं, सर्दी के दौरान इन पशुओं में हाइपोथर्मिया, वायरल बढ़ने और निमोनिया आदि बीमारियां होने का खतरा शुरू हो जाता है। ऐसे में चिकित्सक पशुओं को बुखार, सर्दी और खांसी जैसे लक्षण होने पर उनके पालकों को तुरंत परामर्श के लिए लाने की सलाह दे रहे हैं।
बिल्लियों में वायरल के कारण हो रहा डायरिया
वायरल बुखार होने के बाद बिल्लियों में डायरिया की दिक्कतें बढ़ रही हैं। पशु चिकित्सालय में सोमवार को ओपीडी में 13 बिल्लियों में बुखार और डायरिया की शिकायत लेकर पशुपालक पहुंचे। चिकित्सकों के अनुसार ठंड और वायरल बुखार होने पर लापरवाही होने के कारण यह दिक्कतें सामने आ रही हैं।
डिस्टेंपर के मामले भी आने लगे
कुत्तों में होने वाली बीमारी डिस्टेंपर ने भी शहर में दस्तक दे दी है। पशु पालन विभाग के डॉक्टरों के अनुसार नवंबर माह शुरू होते ही अब तक तक पांच मामले डिस्टेंपर रोग के पहुंच चुके हैं। चिकित्सकों का कहना है कि वैक्सीनेशन का ध्यान रखें। इस रोग के लिए रेबीज की तरह खास ध्यान रखने की आवश्यकता है।
पशुओं में मौसम बदलते ही सर्दी, खांसी और निमोनिया के लक्षण शुरू हो जाते हैं। कुत्ते बिल्लियों के अलावा बकरी और गायों में भी ऐसे लक्षण सामने आ रहे हैं। इसके दवाईयों के साथ अच्छी देखभाल की सलाह दी जा रही है।
डॉ. आरके पाठक, पशु चिकित्सक, हल्द्वानी
ठंड का मौसम शुरू होते ही बुखार और खांसी के लक्षण सामने आने पर लापरवाही बरतने से पशु को निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है। इन दिनों अधिकतर ऐसे पशु आ रहे हैं जिन्हें सर्दी खांसी और बुखार है।
-डॉ. अनुज अग्रवाल, पशु चिकित्सक हल्द्वानी
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