महाकुंभ 2025: अखाड़ा परिषद की मांग पर मेला प्रशासन ने कहा- निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी दुकानें
प्रयागराज। महाकुंभ मेले की सुचिता और शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए गैर सनातनियों को खाने पीने की दुकान नहीं आवंटित करने की अखाड़ा परिषद की मांग पर मेला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि मेले में दुकानें निविदा प्रक्रिया से ही आवंटित होंगी। प्रयागराज में लगने वाले कुम्भ और महाकुंभ मेले में हमेशा से दुकानें निविदा प्रक्रिया से आवंटित होती रही हैं जिसमें किसी वर्ग विशेष को दुकानें आवंटित करने पर रोक नहीं है।
हालांकि, खाने-पीने की वस्तुओं में गंदगी मिलाए जाने का पिछले दिनों कई वीडियो वायरल होने के बाद से अखाड़ा परिषद गैर सनातनियों को खानपान की दुकानें आवंटित करने का विरोध कर रहा है। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, “जो दुकानें आवंटित होती हैं, वह निविदा प्रक्रिया से होती हैं। दुकानें निविदा प्रक्रिया के अनुसार ही आवंटित होंगी। यह बड़ा मेला है जहां दुनियाभर से लोग आएंगे.. हम इसी प्रक्रिया से दुकानें आवंटित करेंगे।”
वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने शुक्रवार को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सभागार में बैठक के बाद एक बार फिर कहा, “हमारा विरोध किसी वर्ग विशेष से नहीं है। हाल ही में खाने में थूक, पेशाब आदि मिलाकर परोसे जाने का वीडियो सामने आने के बाद हमारी मांग है कि जूस की दुकान, खानपान की दुकान, ढाबा आदि गैर सनातनियों को ना दी जाएं।”
उन्होंने कहा, “इस मेले में देशभर से साधु संत, तपस्वी आते हैं और गैर सनातनी लोग खाने पीने की चीजों में गंदगी मिलाकर उनका धर्म भ्रष्ट कर सकते हैं। इसलिए हमारी मांग है कि खानपान की दुकानें केवल सनातनियों को ही आवंटित की जाएं।” अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने बृहस्पतिवार को मेला कार्यालय में साधु संतों के बीच हुए विवाद के बारे में कहा, “हम अखाड़ों के साधु हैं और अखाड़े में छोटा-मोटा वाद-विवाद होता रहता है। इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए।”
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