हल्द्वानी: ई-रिट पोर्टल से बचेगी पुलिस की भाग-दौड़, नहीं काटने होंगे कोर्ट के चक्कर

देहरादून और हरिद्वार में ई-रिट पोर्टल इस्तेमाल कर रही पुलिस

हल्द्वानी: ई-रिट पोर्टल से बचेगी पुलिस की भाग-दौड़, नहीं काटने होंगे कोर्ट के चक्कर

हल्द्वानी, अमृत विचार। पुलिस को अब कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। दूसरे चरण में ऑनलाइन ई-रिट पोर्टल की व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है। देहरादून और हरिद्वार पुलिस पहले से ही इस पोर्टल का इस्तेमाल कर रही है। इसके इस्तेमाल से पुलिस ने न सिर्फ समय बचाया बल्कि करोड़ों रुपये की बचत भी की। 

डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर राज्य में पुलिस विभाग ने ऑनलाइन ई-रिट पोर्टल के जरिये प्रतिवेदन पत्र दाखिल करने की सुविधा का विस्तार किया है। इसका उद्देश्य पुलिस कर्मियों को काम में सहूलियत देना और न्यायिक प्रक्रिया को पारदर्शिता व गतिशील बनाना है। प्रथम चरण में यह सुविधा देहरादून और द्वितीय चरण में हरिद्वार जनपद में लागू की गई थी। यह सुविधा अब राज्य के सभी जनपदों के लिए उपलब्ध है। इसके जरिये पुलिसकर्मी ई-रिट पोर्टल का उपयोग करते हुए उच्च न्यायालय में प्रतिवेदन पत्र दायर कर सकते हैं।

जुलाई 2023 से सितंबर 2024 तक पुलिस विभाग ने ई-रिट पोर्टल का इस्तेमाल करते हुए लगभग 1257 प्रतिशपथ पत्र उच्च न्यायालय में दायर किए। इस प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 21,36,900 रुपये की बचत की गई। यह पैसा दैनिक यात्रा भत्तों के रूप में खर्च किया जाता था। एक विवेचक को सामान्यत: उच्च न्यायलय में प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने में 3 दिन लगते थे। नई व्यवस्था से पुलिसकर्मी अपने केस संबंधी दस्तावेज सीधे ऑनलाइन जमा कर सकेंगे।

इससे वह अपनी ड्यूटी के दौरान समय की बचत करेंगे और कार्य को सुगमता से पूरा करेंगे। एक विवेचक को औसतन 3000 रुपये प्रतिदिन वेतन मिलता है। इस तरह 1257 प्रतिशपथ पत्र आनलाइन दाखिल करने से लगभग 1,13,13,000 रुपये का व्यय रोका गया। डीजीपी ने निर्देशित किया है कि सभी पुलिस अधिकारी ई-रिट पोर्टल की प्रक्रिया को समयबद्ध, पारदर्शी और सुगम बनाए रखने में अपनी पूरी भूमिका निभाएं। सभी थानों में कर्मियों को इस प्रणाली का प्रयोग करने के लिए आवश्यक जानकारी व प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। 

ई-रिट पोर्टल की विशेषताएं
1. ऑनलाइन प्रक्रिया : पुलिस कर्मियों को अब प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए कोर्ट आने की आवश्यकता नहीं है। वह थाने से ही ई-रिट पोर्टल के माध्यम से दस्तावेज दायर कर सकते हैं, जिससे उनकी ड्यूटी में व्यवधान कम होता है।
2. समय एवं संसाधनों की बचत : ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से पुलिसकर्मी अब लंबी यात्राओं और कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता से मुक्त हो गए हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
3. पारदर्शिता और दक्षता : ई-रिट पोर्टल से पुलिस विभाग में केस की स्थिति की नियमित जानकारी उपलब्ध होती है, जिससे कार्य में पारदर्शिता एवं दक्षता बनी रहेगी।

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