बहराइच में मत्स्य विभाग और पुलिस ने पकड़ी 9.5 क्विंटल प्रतिबंधित मछली, नानपारा-लखीमपुर मार्ग पर की छापेमारी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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बहराइच, अमृत विचार। नानपारा-लखीमपुर मार्ग पर मत्स्य विभाग और पुलिस टीम ने छापेमारी कर 9.5 क्विंटल प्रतिबंधित मछली बरामद की। मछली को पुलिस टीम ने गढ्ढा खोदकर पटवा दिया है। प्रतिबंधित मछली वाहन के द्वारा नानपारा ले जाया जा रहा था। जिले में प्रतिबंधित थाई मंगूर मछली के अवैध व्यापार की शिकायतें मिलने का जिलाधिकारी मोनिका रानी ने संज्ञान लेते हुए थाई मांगुर मछली के व्यापार को रोकने के लिए मत्स्य व पुलिस विभाग की संयुक्त गठित की है। 

सहायक निदेशक मत्स्य डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि 2 नवम्बर की अपरान्ह में मुखबिर से सूचना मिली कि प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पिकअप वाहन से लहरपुर सीतापुर के मार्ग से सिसैया खीरी के रास्ते जनपद बहराइच को लाई जा रही है। मुखबिर से सूचना प्राप्त होने पर सहायक निदेशक मत्स्य के नेतृत्व में ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक बाबूराम, पुलिस उप निरीक्षक दिनेश बहादुर सिंह व आशुतोष सिंह, आरक्षी गौरव कुमार, अमित कुमार व जितेन्द्र यादव की टीम ने पिकअप वाहन को रोककर चेक किया गया। 

जांच की कार्यवाही में वाहन पर लगभग साढ़े नौ कुण्टल प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली लोड पायी गई। पूछताछ करने पर वाहन चालक ने आशीष कुमार पुत्र सुग्रीव प्रसाद ने बताया कि वह ग्राम हिलालपुर, थाना लहरपुर जनपद सीतापुर का रहने वाला है। वाहन चालक ने बताया कि यह मछली उसने लहरपुर सीतापुर से नानपारा के लिए लोड किया था। 

एडी मत्स्य डॉ. कुमार ने बताया कि इसी दौरान मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी मोतीपुर संजय कुमार व तहसीलदार अम्बिका चौधरी की मौजूदगी में पकड़ी गई सम्पूर्ण प्रतिबंधित थाई मंगूर फिश जिसकी अनुमानित कीमत लगभग एक लाख रूपये है। महिलाओं को गड्ढा खोदवाकर नष्ट करवा दिया गया। इस कार्यवाही की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी भी कराई गई है।

मांगुर मछली के सेवन से होता है कैंसर

ग्रीन ट्रिब्यूनल और केंद्र सरकार ने वर्ष 2000 में विदेशी थाई मांगुर मछली को प्रतिबंधित कर दिया था। इस मछली के खाने से कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी बीमारियां जनित होती हैं। एडी. मत्स्य डॉ. कुमार ने कहा कि कहीं भी ऐसी मछली दिखे तो सूचना दे सकते हैं।

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