हल्द्वानी: खेती का रकबा घटा लेकन पैदावार बढ़ी
हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड में पिछले करीब 14 सालों में खेती के मामले में काफी तरक्की हुई है। प्रति हैक्टेयर उत्पादन में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। यह उपलब्धि कृषि में नई तकनीकों को अपनाने से हुई है। हालांकि इसमें एक चिंताजनक पहलू यह भी है पिछले 14 सालों में खेती से लोगों का मोहभंग भी हो रहा है। जिस वजह से कुल उत्पादन में कमी आ रही है।
उत्तराखंड कृषि विभाग के अनुसार साल 2011-12 में उत्तराखंड में 909.30 हैक्टेयर भूमि पर खेती होती थी। उस समय कुल उत्पादन 1804.03 मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादित होता था। साल 2012-13 की बात करें खेती का रकबा कम होकर 898.97 हैक्टेयर पहुंच गया और उत्पादन बढ़कर 1811.84 मीट्रिक टन हो गया।
यह उपलब्धि प्रति हैक्टेयर उत्पादन बढ़ने के साथ हुई। हालांकि इसके बाद खेती का रकबा होता गया। जिस वजह से प्रति हैक्टेयर उत्पादन में अच्छी सफलता के बाद भी उत्पादन में कमी आने लगी। साल 2017-18 में उत्तराखंड में खाद्यान्न का कुल उत्पादन 1920 मीट्रिक टन हुआ जो पिछले 14 सालों में सबसे ज्यादा था लेकिन इसके बाद यह फिर से घटने लगा।
साल 2022-23 में कुल उत्पादन घटकर 1774.73 मीट्रिक टन पर पहुंच गया। खेती का रकबा घटकर भी 753.01 हैक्टेयर रह गया। उत्तराखंड में कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार लोगों का खेती से मोहभंग हो रहा है। जो काफी चिंताजनक बात है। उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी पर्यटन के साथ ही कृषि ही लोगों की रोजी-रोटी का मुख्य जरिया है।
नैनीताल जिले के मुख्य कृषि अधिकारी विकेश कुमार यादव ने बताया कि खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल करके लोगों को खेती के प्रति जोड़ा जा रहा है। साथ ही खेती में आय बढ़ाने की योजनाओं पर भी काम हो रहा है।
उत्तराखंड में खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न के अंतर्गत क्षेत्रफल
साल क्षेत्र उत्पादन प्रति हैक्टेयर
2011-12 909.30 1804.03 1.98
2012-13 898.97 1811.84 2.02
2013-14 872.75 1775.08 2.03
2014-15 875.38 1612.96 1.84
2015-16 866.78 1756.38 2.03
2016-17 867.88 1874.50 2.16
2017-18 842.38 1920.59 2.28
2018-19 814.83 1860.20 2.28
2020-21 782.96 1976.63 2.34
2021-22 751.38 1886.65 2.51
2022-23 753.01 1774.73 2.37
(स्रोत-कृषि विभाग उत्तराखंड, क्षेत्रफल हैक्टेयर में, उत्पादन और प्रति हैक्टेयर उत्पादन मीट्रिक टन में)
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