हल्द्वानी: न्यायालय ने तलब की चरस, पुलिस की जांच पर सवालिया निशान

हल्द्वानी: न्यायालय ने तलब की चरस, पुलिस की जांच पर सवालिया निशान

हल्द्वानी, अमृत विचार। कोतवाली क्षेत्र के कुल्यालपुरा स्थित परचून की दुकान से बीती 28 जून को बरामद हुई कथित चरस पुलिस के गले की फांस बन गई। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार पांडे से पुलिस की अब की जांच पर न सिर्फ प्रश्न चिह्न लगा दिया, बल्कि यह भी कहा है कि अगली तारीख को पुलिस उस कथित चरस को कोर्ट में पेश करे, जिसे घटना स्थल से बरामद किया गया था। अगली तारीख को चरस पेश करने के साथ पुलिस को कई सवालों के लिखित में जवाब भी देने होंगे। 

कुल्यालपुर गली नंबर तीन निवासी पूनम की यहीं दुकान है। घटना के रोज पूनम के पति दुकान में थे। तभी एक महिला सामान खरीदने के बहाने दुकान में घुसी। दुकान में बाहर निकलने से पहले उसने छाता और पैकेट दुकान में छोड़ दिए। महिला के निकलते ही वहां पुलिस पहुंच गई और दुकान से कथित चरस बरामद कर ली। पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। बावजूद इसके न तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और फुटेज होने के बावजूद आरोपी महिला को भी पकड़ नहीं पाई। न्यायाल के आदेश पर मामले में मुकदमा हुआ। इसके बाद भी पुलिस काम नहीं आई। पीड़ित पक्ष की मदद से 4 सितंबर को चरस रखने की आरोपी भारती स्कूल गली नंबर 3 आदर्शनगर मुखानी निवासी खुशी तिवारी उर्फ मंजू तिवारी पुत्री भरत आर्या को पकड़ा गया।

उसे नारी निकेतन में रखा और नोटिस देकर पुलिस ने छोड़ दिया। अब मामला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अखिलेश कुमार की कोर्ट में है। कोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े करते तमाम सवालों के जवाब और कथित चरस संग 29 नवंबर को कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं।

इस मामले की जांच घटना स्थल से चरस बरामद करने वाले एसआई देवेंद्र सिंह राणा है। मामले में खुशी के साथ भूपेंद्र सिंह चौहान व उमेश चौहान को भी आरोपी बनाया गया है। इन पर खुशी की मदद से दुकान में चरस रखवाने का आरोप है। वहीं पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में कहा है कि यदि उसकी दुकान में सीसीटीवी न लगा तो उसे सारी उम्र जेल में गुजारनी पड़ती। 

न्यायालय ने यह दिए आदेश
1. हल्द्वानी कोतवाली के भारसाधक अधिकारी व जांच अधिकारी को उचित व विधिपूर्व विवेचना के आदेश। 
2. 28 जून को हुई घटना और 4 सितंबर को हुई घटना की जनरल डायरी की प्रति अग्रिम तिथि को न्यायालय में पेश करने के आदेश।
3. आरोपी को नारी निकेतन में किसके आदेश से, किस प्रावधान के तहत व कितने दिन रखा गया। इसकी लिखित रिपोर्ट मांगी। 
4. कथित चरस व अन्य पदार्थ को अग्रिम तिथि पर कोर्ट के सामने प्रस्तुत करने के आदेश। 
5. 28 जून को हुई घटना की सीसीटीवी फुटेज विधि विज्ञान प्रयोगशाला व अन्य संस्थान में परीक्षण के लिए भेजी गई या नहीं, इसकी आख्या पेश करने के आदेश। 


किसके आदेश और किस प्रावधान के तहत भेजा नारी निकेतन
पुलिस की विवेचना से नाराज कोर्ट ने पुलिस से कई सवाल पूछे हैं। कोर्ट ने कहा, आरोपी खुशी तिवारी उर्फ मंजू तिवारी को मामले में धारा 35 के तहत नोटिस तामील कराया गया है। 4 अक्टूबर को आरोपी को नारी निकेतन भेजा गया था। इस पर कोर्ट ने पूछा कि जब नोटिस तामील करा दिया गया था तो आरोपी को किसके आदेश ौर किस प्रावधान के तहत नारी निकेतन भेजा गया। इस सवाल का जवाब न तो पुलिस ने दिया और न ही कोर्ट में पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने। 

अहम सुबूत को नहीं भेजा विधि विज्ञान प्रयोगशाला
मामले में पीड़ित पक्ष का कहना है कि दुकान में लगे सीसीटीवी के फुटेज को विधि विज्ञान प्रयोगशाला नहीं भेजा गया। मौके से बरामद चरस, जिसे एसआई तौलते हुए दिखाई दे रहे हैं, उसे भी माल मुकदमाती में शामिल नहीं किया गया। इससे साफ है कि पुलिस मामले की जांच ठीक ढंग से नहीं कर रही। वहीं पुलिस ने अपने पक्ष में कहा, 7 सितंबर को खुशी को नोटिस तामील कराया गया। बाकी नामजद अभियुक्त भूपेंद्र सिंह चौहान व उमेश चौहान घर पर मौजूद नहीं मिल रहे हैं। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 120ख, 201, 420 व 509 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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