UP News: डीएम-कमिश्नर पर बढ़ेगा लोड, एसीआर में दर्ज होंगे निवेश लाने के प्रयास
लखनऊ, अमृत विचारः राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। ताजा फैसले के अनुसार जिलाधिकारी (डीएम) और मंडलायुक्त (कमिश्नर) की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में उनके कार्यक्षेत्र में हुए निवेश और लोन संबंधी प्रगति का उल्लेख अब अनिवार्य होगा। इसके आधार पर अधिकारियों को ग्रेडिंग दी जाएगी, जिससे उनकी परफॉर्मेंस का निष्पक्ष मूल्यांकन हो सके। इस व्यवस्था को लागू करने वाला उप्र. देश का पहला राज्य होगा।
लोगभवन में शुक्रवार को इस निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पत्रकारों को बताया कि अब डीएम और कमिश्नर को अपने क्षेत्र में निवेश लाने के प्रयासों की रिपोर्ट बनानी होगी। इसमें निवेशकों की सुरक्षा, सुविधा और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए किए गए प्रयासों का भी मूल्यांकन करना होगा। जिससे इस ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही उद्यमियों के लिए समय बाद तरीके से लैंड एलॉटमेंट, लैंड सब्सिडी, लैंड यूज चेंज, लैंड क्लियरनेस समेत लैंड बैंक को तैयार कर इसकी मॉनिटरिंग और रेगुलर अपडेशन किए जाने का भी मूल्यांकन किया जाएगा। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि जिले में निवेश लाने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए अधिकारी अपनी भूमिका को जिम्मेदारी से निभाएं।
निवेश लाने वाले डीएम को मिलेगा विशेष सम्मान
मुख्य सचिव ने बताया कि जिन जिलों में डीएम बेहतर प्रदर्शन करेंगे, अधिक निवेश आकर्षित करेंगे, उन्हें उच्च ग्रेडिंग और विशेष सम्मान दिया जाएगा। इससे अधिकारियों के बीच प्रतिस्पर्धा और जिम्मेदारी बढ़ेगी। जिलों में निवेश बढ़ाने के प्रयास में डीएम और कमिश्नर की जवाबदेही को ध्यान में रखते हुए उनके कार्यकाल के दौरान उनके प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। यह नई व्यवस्था आने वाले दो-तीन हफ्ते में लागू कर दी जाएगी।
काम सब्सिडी रेशियो वाले जिलों पर विशेष ध्यान
मुख्य सिचव ने बताया कि क्रमशः संभल, अमरोहा, बदायूं, रामपुर, कासगंज, एटा और मुरादाबाद का सीडी रेशियो सर्वाधिक है। वहीं उन्नाव, बलरामपुर श्रावस्ती जैसे जिलों का काम है। ऐसे जिलों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और सीडी रेशियो सुधारने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएगी। डीएम और कमिश्नर को हर साल अप्रैल में जिले का सीडी रेशियो बताया जाएगा, ताकि वे निवेश को बढ़ाने का प्रयास कर सकें।
कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में सुधार का प्रयास
मुख्य सचिव के अनुसार उत्तर प्रदेश का क्रेडिट डिपॉजिट रेशियो वर्ष 2017 में 47% था। वृत्तीय वर्ष 2023-24 में वृद्धि दर्ज करते हुए 60.32 प्रतिशत का आंकड़ा छू लिया है। सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष के अंत तक 65% के सीडी रेशियो के लक्ष्य तय करके आगे बढ़ रही है। इस इस रेशियो का बढ़ना राज्य में आर्थिक स्थिरता और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण का संकेत है।
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