बरेली एयरपोर्ट : भूमि अधिग्रहण से पहले एक और गहन जांच
अब खंगाला जा रहा है 1344 फसली का रिकार्ड, इससे पहले की थी फसली 1359 की जांच
बरेली, अमृत विचार। बरेली एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में जिला प्रशासन फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रहा है। जिलाधिकारी के निर्देश पर प्रस्तावित भूमि की एक बार फिर जांच शुरू की गई है। तहसील सदर की टीम अब 1344 फसली राजस्व रिकार्ड की पड़ताल कर रही है ताकि अधिग्रहण में किसी चूक की गुंजाइश न रहे। इस बीच गांव चावड़ और मुड़िया अहमदनगर के 154 गाटा नंबरों के मूल्यांकन का काम पूरी हो गया है।
एयरपोर्ट के विस्तार के लिए 13 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है जो 180 किसानों की है। चूंकि इस जमीन में बड़ी संख्या में सहखातेदार हैं, इसलिए जिला प्रशासन बारीकी से इसकी जांच करा रहा है। पिछले महीने सदर तहसील की टीम इस जमीन के राजस्व अभिलेखों की गहन जांच कर चुकी है, अब फिर 1344 फसली खतौनी की जांच की जा रही है। कहा जाता है कि बंदोबस्त व्यवस्था से पहले 1344 फसली सबसे ज्यादा विश्वसनीय है। हालांकि राजस्व कर्मियों का कहना है कि 1359 फसली खतौनी भी कम महत्वपूर्ण नहीं है जिसके आधार पर जमीन की इससे पहले जांच की जा चुकी है। सोमवार को तहसीलदार सदर के नेतृत्व में उनकी प्रस्तावित जमीन के रिकॉर्ड की कई बिंदुओं पर जांच करती रही। इस जमीन के अधिग्रहण के लिए जिलाधिकारी ने कमेटी गठित की है।
तहसील सदर के सूत्रों के अनुसार जमीन की मूल्यांकन रिपोर्ट भी लगभग तैयार हो चुकी है। 1344 फसली की पड़ताल के बाद एक-दो दिन में जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दिए जाने की बात कही जा रही है। बता दें कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की 2025 से 2027 तक एप्रन, टैक्सी-वे और बड़े टर्मिनल का निर्माण कराकर बरेली एयरपोर्ट का विस्तार करने की योजना है। अभी यहां एक ही टर्मिनल है। भूमि अधिग्रहण के बाद पहले चरण में 10 हजार वर्गमीटर का टर्मिनल भवन और 222 सीटर विमान पार्क करने के लिए सात नए एप्रन बनाए जाएंगे। दूसरे चरण में 20 हजार वर्ग मीटर के टर्मिनल भवन के साथ 222 सीटर विमान को पार्क करने के लिए 10 एप्रन बनाए जाएंगे। इसके बाद बरेली सिविल एन्क्लेव (एयरपोर्ट) भी बड़े शहरों के एयरपोर्ट में गिना जाएगा।
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