कासगंज: पुलिस का खौफ...ग्राम प्रधान के परिवार ने किया गांव से पलायन, अब हाथरस पुलिस करेगी जांच

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Published By Pradeep Kumar
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लखनऊ में पहुंचकर किया आत्मदाह का प्रयास तो सक्रिय हुई मुख्यालय पुलिस

कासगंज, अमृत विचार। कासगंज जिले के अमांपुर थाना क्षेत्र के तहत गांव अजीत नगर के प्रधान ने परिवार सहित पलायन कर लिया। वहां उन्हें लगातार जान से मारने की धमकी तो दी जाती रही इधर पुलिस ने भी दूसरे पक्ष का सहयोग किया। आरोप घूसखोरी का लगा। अमांपुर के तत्कालीन इंस्पेक्टर आरोप में घिरे रहे। इस बीच पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचकर आत्मदाह का प्रयास किया। फिर क्या था मामला हजरतगंज थाने में दर्ज हो गया और मामले की जांच एएसपी हाथरस को सौंप दी गई है। इसके बाद पूरे महकमे में खलबली मची हुई है।

मामला दिसंबर 2023 का है। गांव नगला गुलू में चाकू से गोदकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। इसमें गांव अजीत नगर के प्रधान के परिवार के सदस्य आशीष एवं अन्य को पुलिस ने बिना किसी सबूत के आरोपी बना दिया और उन्हें जेल भी भेज दिया। न कोई बरामदगी हुई और न ही कोई तथ्य सामने आए। अब तत्कालीन इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रताप गिरी पर आरोप है। जब उन्होंने ग्राम प्रधान के परिवार के सदस्यों को जेल भेजा तो वहां विरोध भी हुआ। यह भी है कि तत्कालीन इंस्पेक्टर ने एनकाउंटर की धमकी दे दी। उसके बाद दो निर्दोष भाइयों को जेल भेज दिया। फिर धीमे-धीमे विवाद बढ़ता गया और ग्राम प्रधान का परिवार मजबूर होकर पलायन कर गया। जब न्याय नहीं मिला तो पिछले दिनों विधान भवन के गेट नंबर 7 पर पीड़ित परिवार ने आत्महत्या का कदम उठा लिया। बच्चों के साथ आत्मदाह करने की कोशिश की। पेट्रोल डालकर पीड़ित आग लगा रहे थे। इसी बीच पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचा लिया। सिर्फ जिद एक ही रही की इंस्पेक्टर वीरेंद्र प्रताप गिरी जो भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं उनके विरुद्ध  कार्रवाई होनी चाहिए। मामले में शासन ने संज्ञान लिया और जांच हाथरस के एएसपी को सौंप दी है। अब हाथरस एएसपी जांच कर रहे हैं।

इंस्पेक्टर ने कई बार धमकाया
पीड़ित संजीव सोलंकी का आरोप है कि इंस्पेक्टर वीरेंद्र गिरी ने उन्हें और उनके परिवार को कई बार धमकाया। चेतावनी दी कि एनकाउंटर कर दिया जाएगा। इसलिए जो पुलिस कह रही है उसे ही सही माना जाए। यदि जरा भी आनाकानी की तो पूरे परिवार से हाथ धो बैठोगे।

मुझे मिली है मामले की जांच
हाथरस के एएसपी अशोक कुमार का कहना है कि मुझे मामले की जांच मिल गई है और हर बिंदु पर जानकारी कर रहा हूं। जांच में जो भी सही तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर रिपोर्ट शासन को भेजूंगा। आरोपी कोई भी हो उसको छोड़ा नहीं जाएगा। इंस्पेक्टर के विरुद्ध यदि सही तथ्य मिलते हैं तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

मुझे कुछ पता ही नहीं
सबसे अहम बात यह है कि जिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र गिरी पर आरोप लगे हैं। वह आज भी पूरी घटना से भी बेखबर बन रहे हैं। उनका कहना है कि मुझे नहीं पता। कि कब घटना हुई और क्या हुआ। जबकि मामला शासन तक पहुंच गया है।

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