रात भर गूंजी सिसकियां, सुबह एक साथ उठी अर्थियां...कानपुर में सड़क हादसे में पांच की मौत का मामला, ड्योढ़ी घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
पनकी में भौती पुल की ढाल के पास डंपर और ट्राला के बीच कार सवार 5 की मौत का मामला
कानपुर, अमृत विचार। पनकी थानाक्षेत्र में भौंती पुल की ढाल के पास खराब डंपर में घुसी कार में ट्राला ने पीछे से टक्कर मार दी थी। जिसमें चार बीटेक छात्र-छात्राओं समेत चालक की मौके पर मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद सोमवार रात भर लोगों की रोते हुए रात कटी। महिलाओं की सिसकियां पूरे इलाके में गूंजती रहीं। वहीं चार छात्र-छात्राओं की एक साथ अर्थियां उठी और चालक की अलग तो शव यात्रा में शामिल हर एक की आंखें नम हो गईं। हर तरफ केवल चीखें और कोहराम ही सुनाई दे रहा था। ड्योढ़ी घाट पर पांचों का अंतिम संस्कार किया गया।
चकेरी थानाक्षेत्र के सनिगवां निवासी मेडिकल स्टोर चलाने वाले 54 वर्षीय विजय साहू सचेंडी थानाक्षेत्र में स्थित प्रणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (पीएसआई) के छात्र-छात्राओं को कॉलेज लाने और ले जाने का काम करते थे। रोज की तरह सोमवार सुबह 8 बजे वह केडीए कालोनी सनिगवां रोड निवासी उदय भारती इंटर कॉलेज के संचालक राजेश सिंह के 22 वर्षीय पुत्र प्रतीक सिंह उर्फ अनुज बीटेक फोर्थ ईयर, सनिगवां के चंद्रनगर निवासी छतीसगढ़ में सीआरपीएफ में एसआई रमेश चंद्र के 21 वर्षीय पुत्र सतीश सिंह बीटेक थर्ड ईयर, सनिगवां रोड निवासी हमीरपुर में फार्मासिस्ट शिवशंकर पटेल की 18 वर्षीय पुत्री आयुषी पटेल बीटेक फर्स्ट ईयर और सनिगवां के चंद्र नगर निवासी इटावा में तैनात टीएसआई भरत कुमार त्रिपाठी की 21 वर्षीय पुत्री गरिमा त्रिपाठी बीटेक की सेकेंड ईयर के छात्र-छात्राओं को लेकर ऑल्टो कार से निकला था।
वह कानपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे पर पनकी में भौती पुल की ढाल पर 8.47 पर पहुंचा ही था कि आगे चल रहे डंपर ने अचानक ब्रेक मार दी, जिससे ऑल्टो कार उसमें घुस गई। इस दौरान पीछे चल रहा सरिया लदा ट्राला कार में घुस गया। जिससे डंपर और ट्राला के बीच दबने से कार के परखच्चे उड़ गए थे।
कार में सवार लोगों की चीख पुकार मच गई थी। पनकी, सचेंडी पुलिस ने कार में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। इसके बाद अग्निशमन कर्मियों ने पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर कार के पार्ट्स को काटकर शवों को निकालकर हैलट अस्पताल भिजवाया। जहां डॉक्टरों ने चार छात्र-छात्राओं और चालक को मृत घोषित कर दिया था।
छात्रा गरिमा त्रिपाठी की मां को छोटी बेटी ने संभाला
बीटेक छात्रा गरिमा त्रिपाठी का शव जैसे ही घर से पुरुषों ने उठाया गया तो वैसे-वैसे उसकी मां रीता त्रिपाठी भी दौड़ने लगी। उन्हें देख वहां मौजूद परिवार की अन्य महिलाओं ने तुरंत ही उनको संभाला। इसके बाद परिवार की छोटी बेटी महिमा ने अपनी मां को सहारा दिया और उन्हें गले लगाकर शांत कराया।
बेटे सतीश के शव देखकर चीखने लगते थे माता पिता
छात्र सतीश सिंह की मां संतोष कुमारी और पिता रमेश चंद्र बेटे के शव के पास बैठे थे। बेटे को देख कर वह सिर पकड़कर चीखने लगते थे, तो कभी गुमसुम बैठ जाते थे। घंटों बैठे-बैठे बेटे के शव को निहारते रहते थे, जैसे ही बेटे को ले जाने की तैयारी शुरू हुई तो पिता छाती पकड़कर पीटने लगे।
आयुषी के पिता बेटी को दूर से निहारती रही
आयुषी का शव जैसे ही उठा तो मां समता बेटी के शव से लिपट गई। पिता नरेश पटेल दूर बैठकर बेटी के शव को निहार रहे थे। अपनी किस्मत को कोश रहे थे, जैसे ही बेटी का शव उठा तो रामनरेश के मुंह से निकल पड़ा 'ये कैसा दिन आ गया आज...' इसके बाद सभी लोग नरेश को सहारा देने लगे।
पति के शव से लिपटी रही सुमन
चालक विजय साहू के शव को ले जाने के लिए जैसे ही तैयारी शुरू हुई तो पत्नी सुमन अपने पति के शव से लिपट गई। वहीं, दोनों बेटे हिमांशु और शशांक को परिवार के अन्य लोग उन्हें सहारा दे रहे थे। वहीं, जब पिता का शव उठा तो पत्नी और दोनों बेटे चीख-चीखकर रोने लगे। ये नजारा देख सभी के आंखों में आंसू छलक पड़े।
अपनी आंख एक बार खोल दो बेटा
घरों के दरवाजे पर खड़ीं महिलाएं सिसकियां भरती रहीं। वहीं, पुरुषों की आंखें भी नम दिखाई दी। परिजनों का तो हाल बहुत ही बुरा था। कोई भी अपने खास के बिछड़ने की बात पर विश्वास नहीं कर पा रहा था। कोई शव से लिपट कर रोता दिखा, तो कोई एक बार आंख खोल दो बेटा.. कहकर बिलखता दिखाई दिया।
(शव घर पहुंचते ही बेहोश हुई छात्र प्रतीक की मां)
(प्रतीक की बहन भाई को याद कर बेहोश हो गई)
सड़क दुर्घटना में मृतक छात्र छात्राओं को पेश की श्रद्धांजलि
हलीम मुस्लिम इंग्लिश स्कूल चमनगंज में मंगलवार को सड़क दुर्घटना में मृतक छात्र-छात्राओं को भावभीनी श्रद्धांजलि पेश की गई। बीते मंगलवार को सचेंडी थानाक्षेत्र में पीएसआईटी कॉलेज के चार छात्र-छात्राएं समेत ड्राइवर की मौत हो गई थी। इस घटना से हलीम मुस्लिम इंग्लिश स्कूल की छात्र-छात्राएं, शिक्षक शिक्षिकाएं स्तब्ध है।
उन्होंने दो मिनट का मौन रखकर छात्राओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल सबा खान ने कहा कि छात्र-छात्राएं हमारे देश का भविष्य है यह हमारे यह दुर्घटना हमारे लिए लिए बहुत दुख का विषय है, उनके माता-पिता अपनी संतानों के सुनहरे भविष्य का सपना देख रहे थे। उनकी आंखों में आंसू है इस दुख की घड़ी में हम मृतक छात्र-छात्राओं के परिवार के दुख में पूरी तरह शामिल है।
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