Kanpur: भाजपा में प्रचारकों को भेजने के प्रस्ताव पर विचार संभव, मथुरा में तय होगा आरएसएस शताब्दी वर्ष मनाने का ब्लू प्रिंट

लग सकती है राज्यों में नये संगठन मंत्रियों की नियुक्तियों पर मुहर

Kanpur: भाजपा में प्रचारकों को भेजने के प्रस्ताव पर विचार संभव, मथुरा में तय होगा आरएसएस शताब्दी वर्ष मनाने का ब्लू प्रिंट

विशेष संवाददाता, कानपुर। आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) शताब्दी वर्ष पर भले ही मेगा प्लान को लेकर बैकफुट पर है लेकिन 24 और 25 अक्टूबर को मथुरा में अखिल भारतीय कार्यकारी समिति की बैठक में कुछ बड़ा करने का तानाबाना तैयार में करने में जुट गयी है। 

आरएसएस के सूत्र बताते हैं कि शताब्दी वर्ष में उपलब्धियों को जन-जन तक ले जाने के लिए नया ब्लू-प्रिंट तैयार किया गया है जिस पर मथुरा में चर्चा होगी। एक लाख तक शाखा संख्या बढ़ाने के लक्ष्य के साथ ही आनुषांगिक संगठनों की वैचारिक मजबूती और जनस्वीकार्यता पर भी संघ योजना बना रहा है। यही नहीं भाजपा को प्रचारक देने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है। यह बैठक वृंदावन के परखम में होगी। इसमें संघ के सभी 45 प्रांतों और 11 क्षेत्रों के संघ चालक शामिल होंगे। कानपुर प्रांत के प्रचारक श्रीराम सिंह भी शामिल होंगे। इनकी रवानगी 18 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।

नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत पहले ही कह चुके हैं कि संघ अपना शताब्दी वर्ष नहीं मनाएगा क्योंकि कुछ उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटने की उसकी मंशा नहीं है। सौ वर्षों में संसाधनों के अभाव में संघ की जमीनी मजबूती और बढ़ती शाखाओं से हिंदुत्व के पक्ष में माहौल बना है जिसका राजनीतिक लाभ मिला है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, धारा 370 खत्म करने में मदद मिली। 

केंद्र और राज्यों में भाजपा की सरकारों के कार्यकाल में हिंदू जागरण में खासी प्रगति हुई है। सामंजस्य बनाए रखने के लिए भाजपा में संघ का परोक्ष हस्तक्षेप प्रभावी ढंग से बनाए रखने पर चिंतन किया जाएगा। आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है। 

संघ के लोग कहते हैं कि स्थापना के सौ वर्षों के दौरान हासिल हुई प्रमुख उपलब्धियों में राम मंदिर निर्माण को मुख्य माना जा रहा है। भाजपा को सत्ता तक पहुंचाना भी बड़ी उपलब्धियों की श्रेणी में है। जनमानस के मन में हिंदू राष्ट्र की भावना को लेकर गौरव का भाव उत्पन्न सबसे अहम एजेंडा हो सकता है। समस्त हिंदू समुदाय को एक सूत्र में पिरोने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर जारी रहेगा। जाति,वर्ग भेद से ऊपर उठकर व्यक्ति निर्माण से समाज निर्माण का कार्य भी संघ का स्थायी एजेंडा है।

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