Kanpur: सात अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरफ्तार; आरोपी BBA व बी. फार्मा के छात्र, करते थे हवाई यात्रा, कारनामे सुन पुलिस भी हैरान
कानपुर, अमृत विचार। सात अंतरराज्यीय ठग पनकी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इस गिरोह के सदस्य हवाई यात्रा करते हैं। बीबीए-बी फार्म की डिग्रियां हैं। गिरोह के ठग कभी पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते तो कभी नौकरी का झांसा देकर वाइस चेंजर एप के जरिए आवाज बदलकर जाल में फंसाते।
किराए के खातों में रुपये डलवाते। किराए का खाता किसी गरीब का खुलवाते और उसे किराए के तौर पर दो-तीन हजार रुपये देते। गिरोह के पकड़े गए ठगों ने जब अपने कारनामे खोले तो पुलिस भी भौचक्का रह गई। ठगों के पास से विभिन्न बैंकों के 46 एटीएम कार्ड, मोबाइल, लैपटॉप, आधार कार्ड, चेक, पासबुक व रुपये बरामद हुए हैं।
ऑनलाइन साइबर ठगी की बढ़ती घटनाओं को देखते डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने पुलिस के साथ सर्विलांस सेल को शातिरों की गिरफ्तारी के लिए सक्रिय किया था। सर्विलांस सेल व मुखबिर से पनकी पुलिस को ठगों की लोकेशन एटूजेड तिराहा के पास मिली। इस पर पनकी, बिठूर और कल्याणपुर थाने की फोर्स पहुंची और सातों ठगों को दबोच लिया।
तलाशी में उनके पास 46 एटीएम कार्ड, सात मोबाइल, एक लैपटॉप, एक टेबलेट, छह आधार कार्ड, 21 चेक बुक, पांच पासबुक और 22,500 रुपये बरामद हुए। पूछताछ में सातों ने साइबर ठगी की बात स्वीकारी। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पकड़े गए युवक साइबर ठगी के एक्सपर्ट हैं।
इनमें नारामऊ मंधना निवासी मनीष कुमार, आवास विकास-एक निवासी दीपेंद्र सिंह गौर, पुराना शिवली रोड कल्याणपुर निवासी सुमित सिंह, अरौल के रौंगाव निवासी रोहित यादव उर्फ युवी, फ्रेडस कॉलोनी भरथना रोड इटावा निवासी पवन कुमार, कश्यपनगर बंबा रोड कल्याणपुर निवासी रोहन सिंह सेंगर और कानपुर देहात रसूलाबाद के जिताई का पुरवा निवासी अभय प्रताप सिंह हैं।
डीसीपी ने बताया कि पकड़े गए ठग पुलिस अधिकारी बनकर भी लोगों को डराते व धमकाते थे। वाइस चेंजर एप के जरिए आवाज बदलकर परिचितों से सहायता मांगते, नौकरी लगवाने व अन्य प्रलोभन देकर लोगों को शिकार बनाते हैं। इतना ही नहीं रुपये भी किराए के खाते में मंगवाते हैं। किराए का खाता खुलवाने क लिए गरीब लोगों को फंसाते हैं उसके बदले में दो-तीन हजार रुपये दे देते हैं।
खाता खुलवाते समय अपने गिरोह के ही सदस्य का नंबर देते थे। खाता भी तब तक चलाते हैं जब तक पुलिस द्वारा सीज न कर दिया जाए। डीसीपी ने बताया कि गिरोह का सरगना गौतमबुद्धनगर निवासी इक्का भाटी उर्फ तनुज है, जो गिरोह के सदस्यों को हर खाते पर 10-12 हजार रुपये तक देता है। गिरोह के ठगों ने अब तक करीब दो हजार से ज्यादा खाते खोलकर ठगी की है।
कारनामों के साथ पढ़ाई भी अच्छी
डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह भी ठगों की पढ़ाई के बारे में जानकर हैरान रह गए। गिरोह के सभी युवा पढ़े-लिखे हैं। आरोपी अभय बीएसी कृषि का छात्र है। पवन कुमार बीफार्मा का छात्र और उसके पिता जम्मू कश्मीर में आर्मी में हैं। मनीष बीबीए प्रथम वर्ष का छात्र है और उसके पिता आर्मी से रिटायर हैं। रोहित सीएसजेएमयू से बीबीए का छात्र, रोहन सिंह सेंगर चौबेपुर स्थित कालेज से बी फार्मा प्रथम वर्ष का छात्र है। दीपेंद्र व सुमित ही इंटर तक पढ़ा है।
होटल में हुई थी सरगना इक्का से मुलाकात
गिरोह के सुमित और मनीष ने मिलकर कल्याणपुर में कई साल पहले पारस पैलेस नाम से होटल खोला था। यहां गिरोह का सरगना इक्का उर्फ तनुज भाटी आता था। इक्का से दीपेंद्र को मिलाने उसका दोस्त शिवम होटल लाया था।
इक्का से मिलने के बाद उसे खाते खुलवाने के बदले कमीशन का लालच दिया गया और दीपेंद्र सिंह साड़ी की प्रदर्शनी अलग-अलग शहरों में लगाकर गरीब लोगों का खाता खुलवाने के लिए तलाश करने लगा। दीपेंद्र लोगों से खाता खुलवाता और उसमें पैसे मंगाता। इसके बाद दीपेंद्र ने रसूलाबाद के अभय प्रताप सिंह को गिरोह से जोड़ा। एक-एक करके होटल में ही सभी गिरोह से जुड़े और फ्राड शुरू कर दिया।