हल्द्वानी: बिना पोर्टल में पंजीकरण के मरीजों को मिलेगा उपचार, चार दिन से ईएसआईसी पोर्टल है बंद

हल्द्वानी: बिना पोर्टल में पंजीकरण के मरीजों को मिलेगा उपचार, चार दिन से ईएसआईसी पोर्टल है बंद

हल्द्वानी, अमृत विचार। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) का पोर्टल बंद होने से मरीज परेशान हैं। अस्पताल में भर्ती होने के लिए मरीजों का इन पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है। हालांकि ईएसआईसी अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर का कहना है कि फिलहाल मरीजों को बिना पंजीकरण के भर्ती किया जाएगा।

हल्द्वानी के कुछ निजी अस्पताल ईएसआईसी से पंजीकृत हैं। कर्मचारियों को कर्मचारी बीमा के तहत अस्पताल में नियमों के आधार पर ईएसआईसी के तहत उपचार मिलता है, लेकिन पिछले चार दिनों से ईएसआईसी का पोर्टल बंद है। पोर्टल में कुछ तकनीकी दिक्कत आई है, जिसे खुलने में अभी कुछ दिन और लग सकते हैं। ईएसआईसी संबद्ध अस्पताल में मरीजों को भर्ती होने पर ईएसआईसी के पोर्टल में पंजीकृत करवाना पड़ता है, लेकिन पोर्टल बंद होने से मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं। मरीजों के तीमारदार ईएसआईसी औषद्यालय हल्द्वानी में पहुंच रहे हैं। पिछले चार दिनों से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया।

इधर, मेडिकल ऑफिसर डॉ. अशोक दीवान ने बताया कि समस्या के संबंध में उच्चस्तर पर संपर्क किया गया है। उच्च स्तर से पत्र प्राप्त हुआ है, जिसके आधार पर सभी ईएसआईसी अस्पतालों को मरीजों को भर्ती करने और ईएसआईसी कार्ड के आधार पर उनका उपचार करने के निर्देश दिये गये हैं। पोर्टल जब खुलेगा तब बाकी की कार्रवाई की जाएगी। अनुमान है कि मंगलवार तक सभी अस्पतालों में सूचना पहुंचने के बाद समस्या का समाधान हो जाएगा। 

एसटीएच में रक्त में संक्रमण की जांच पुन: शुरू
हल्द्वानी। डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में रक्त में संक्रमण की जांच में उपयोग होने वाले कैमिकल की उपलब्धता हो गई है। अब रक्त में संक्रमण की जांच से संबंधित जांचें हो सकेंगे। कैमिकल नहीं होने से करीब एक माह से यह जांच बंद थी।

रक्त में संक्रमण का पता लगाने के लिए पैथोलॉजी में कैमी इम्यूनोलूसिस मशीन से जांच की जाती है। इन जांचों के लिए रक्त परीक्षण के समय कैमिकल की जरूरत होती है, लेकिन कैमिकल एक माह से नहीं आ रहा था। इस वजह से मशीन बंद हो गई थी।

इस वजह से अस्पताल में एनएटी यानी न्यूक्लि एसिड जांच की जा रही थी, जो उतनी विश्वसनीय नहीं मानी जाती है। इस मशीन को दो साल पहले लगाया था। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि रक्त में संक्रमण पकड़ने के लिए कैमी इम्यूनोलूसिस मशीन में कैमी डोनर से रक्त के सैंपल की जांच की जाती है। कैमिकल आने के बाद मशीन को फिर से शुरू कर दिया गया है।

ताजा समाचार

बाराबंकी: ब्लॉक परिसर में बना सामुदायिक शौचालय का नहीं हो रहा प्रयोग, जानें वजह
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद, जानें खासियत
कानपुर देहात में टायर फटने से अनियंत्रित ट्रक ने आटो में मारी टक्कर: छह घायल...हादसे के बाद ट्रक चालक फरार
भारतीय गेंदबाजों का सामना करने के लिए बेताब हैं सैम कोंस्टस, बोले- मैं बस गेंद के हिसाब से खेलूंगा...
अयोध्या: कबाड़ कारोबारियों ने सड़क पर कर रखा है कब्जा, आवागमन में परेशानी
कन्नौज में बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को 30 साल की जेल: चार साल पहले मासूम के साथ हुई थी घटना, कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया